पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले भाजपा के अंदर आपसी खींचतान शुरू हो गई है। आरा लोकसभा सीट से हारने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह ने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर हार का ठीकरा फोड़ दिया है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि कुछ पार्टी नेताओं ने साजिश के तहत उन्हें हरवाया।
षड्यंत्र करने वालों के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे – आरके सिंह
पूर्व ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा, “जो लोग मेरी हार के षड्यंत्र में शामिल थे, अगर उन्हें पार्टी टिकट देती है, तो हम खुलकर उनके खिलाफ लड़ेंगे और उन्हें हराएंगे।” उनके इस बयान के बाद पार्टी में विवाद बढ़ गया है, और अब एक और ‘सिंह’ ने उन्हें कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
पार्टी सबसे ऊपर है, कोई नेता उससे बड़ा नहीं – अमरेंद्र सिंह
आर.के. सिंह के बयान के बाद आरा के भाजपा विधायक अमरेंद्र सिंह ने खुलकर उनकी आलोचना की। उन्होंने कहा, “उनकी सोच हमें समझ नहीं आ रही है। पार्टी सबसे बड़ी होती है और किसी भी नेता से ऊपर है। उन्हें अपनी बात पार्टी फोरम पर रखनी चाहिए थी, न कि मीडिया में।”
बदले की भावना से कोई आगे नहीं बढ़ सकता – भाजपा विधायक
अमरेंद्र सिंह ने आगे कहा कि पार्टी आगे क्या निर्णय लेगी, यह भविष्य में तय होगा। उन्होंने कहा, “अगर आर.के. सिंह को किसी बात का संदेह था, तो उन्हें नेतृत्व से चर्चा करनी चाहिए थी। बदले की भावना लेकर कोई भी व्यक्ति ऊंचाई तक नहीं पहुंच सकता। भाजपा ने उन्हें सम्मान और प्रतिष्ठा दी है।”
आर.के. सिंह ने अपनी हार के लिए पार्टी नेताओं को ठहराया जिम्मेदार
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपने बयान में कहा, “राजनीतिक कारणों से कुछ नेताओं ने मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा और मुझे हरवा दिया। फिर भी, मुझे लगभग 4.75 लाख मत मिले। मैं उन षड्यंत्रकारियों को पहचान चुका हूं और समय आने पर उनके नाम उजागर करूंगा।”
उन्होंने आरोप लगाया कि “कुछ नेताओं ने पैसे बांटे और हमारे 60% बूथों पर कोई पोलिंग एजेंट तक नहीं था। अगर षड्यंत्रकारी को 2025 के विधानसभा चुनाव में टिकट मिला, तो मैं खुद उनके खिलाफ खड़ा हो जाऊंगा।”
बिहार भाजपा में आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गई है। विधानसभा चुनाव से पहले यह विवाद पार्टी के लिए एक नई चुनौती बन सकता है। अब देखना होगा कि भाजपा नेतृत्व इस पर क्या निर्णय लेता है और यह विवाद किस दिशा में जाता है।