अवैध शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़

रांची: राजधानी रांची के ओरमांझी में उत्पाद विभाग की टीम को बड़ी सफलता मिली है। उत्पाद विभाग ने एक अवैध शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। इस दौरान छापेमारी दल को 40 लाख रुपये की नकली शराब के साथ शराब बनाने और पैकिंग करने की मशीन भी बरामद की है। उत्पाद विभाग की टीम ने इस अवैध धंधे में संलिप्त बिहार के रहने वाले 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी गिरफ्तार लोगों पर ब्रांडेड बोतलों में नकली शराब भरकर बिहार और झारखंड के विभिन्न हिस्सों में सप्लाई करने का आरोप है।

किराये पर कमरा लेकर करते थे जहर का सौदा
मामला ओरमांझी ब्लॉक चौक के पास स्थित रेनबो सेवन कॉलोनी का है। जहां किराए के मकान में संचालित अवैध शराब फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा था। पुलिस ने देखा कि वहां अलग-अलग ब्रांड की बोतलों में नकली शराब भरकर उसपर ब्रांडेड शराब का स्टीकर लगाकर रखा गया था। उत्पाद विभाग की टीम ने कई ब्रांडेड कंपनियों के रैपर, बोतल और स्टीकर, 250 पेटी सीलबंद विदेशी शराब, करीब 800 लीटर रंगीन शराब समेत 200 बैग खाली बोतल, ढक्कन, शराब पैक करने की मशीन समेत अन्य उपकरण जब्त किए हैं।

चारों आरोपी शराब माफिया
उत्पाद विभाग की टीम के हत्थे चढ़े चारों आरोपी शराब माफिया बताये जाते हैं। जिसमें से जिसमें बिहार के औरंगाबाद जिले के शराब कारोबारी पंकज कुमार के साथ तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है।गिरफ्तार किए गए अभिषेक और आकाश कुमार भी बिहार के औरंगाबाद जिले रहने वाले हैं। ये सभी आरोपी नकली शराब पैकिंग के बाद कार और अन्य वाहनों के जरिए माल सप्लाई करते थे।

150 रुपये का खर्च, 1700 की वसूली
जानकारी के मुताबिक एक बोतल नकली शराब पैकिंग में करीब 100-150 रुपये का खर्च आता था। शराब माफिया झारखंड के सप्लायरों को ये नकली शराब 300 से 400 रुपये में देते थे। झारखंड के विभिन्न जिलों में ब्रांडेड नकली शराब की बोतल 900 रुपये तक बेची जाती थी। जबकि यही माल बिहार में 1500 से 1700 रुपये में बेचा जाता था। यही नहीं शराब माफिया नकली शराब को असली दिखाने के लिए बोतलों के ऊपर झारखंड उत्पाद विभाग का होलोग्राम भी लगाते थे। फिलहाल उत्पाद विभाग की टीम पूरे नेटवर्क को खंगालने और आगे की कार्रवाई में जुट गई है।

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