रांची/झारखंड: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा विधायकों को उपहार दिए जाते हैं। डुमरी से झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के विधायक जयराम महतो ने इस परंपरा को अनुचित बताया है।

गिफ्ट की परंपरा बंद होनी चाहिए – जयराम महतो

मीडिया से बातचीत के दौरान जयराम महतो ने कहा कि यह परंपरा खत्म होनी चाहिए। अगर उपहार में सिर्फ पेन, डायरी या कॉपी दी जाती है तो यह उचित है, लेकिन महंगे सामान देना गलत है।

विधायकों को गिफ्ट की जरूरत नहीं – जयराम महतो

उन्होंने कहा कि उन्हें अब तक कोई उपहार नहीं मिला है। कल उन्हें एक पेन और डायरी दी गई थी, जिसे उन्होंने अपने ड्राइवर और सुरक्षा कर्मियों को दे दिया।जब ‘माइक्रोवेव ओवन’ मिलने की बात सामने आई तो उन्होंने कहा कि अगर उन्हें ऐसा गिफ्ट दिया गया है, तो वे विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखेंगे। वे पहले इस बात की समीक्षा करेंगे कि कौन-कौन से गिफ्ट मिले हैं, फिर इसे बंद करने की मांग करेंगे।

बिहार से चली आ रही है यह परंपरा – स्टीफन मरांडी

झारखंड विधानसभा के सबसे वरिष्ठ विधायक और पूर्व उपमुख्यमंत्री स्टीफन मरांडी ने बताया कि यह परंपरा बिहार के समय से चली आ रही है और अब भी जारी है। झारखंड जैसे राज्य में यह परंपरा उचित है या नहीं, इस पर उन्होंने कहा कि यह गलत नहीं है क्योंकि जरूरतमंद चीजें दी जाती हैं और इसमें जनता के पैसे की बर्बादी नहीं होती।

स्पीकर से बात करनी चाहिए – संजय सिंह यादव

राजद विधायक और प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव ने भी कहा कि यह पुरानी परंपरा है और इसका पालन किया जा रहा है। अगर इसे लेकर कोई सवाल है तो विधानसभा अध्यक्ष से चर्चा करनी चाहिए।

पूर्व विधायक महेंद्र सिंह ने कभी नहीं लिए गिफ्ट – वरिष्ठ पत्रकार

वरिष्ठ पत्रकार और रांची प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष राजेश सिंह ने कहा कि यह परंपरा बिहार के समय से चली आ रही है। हालांकि, सीपीआई (माले) के नेता महेंद्र सिंह ऐसे विधायक थे जिन्होंने कभी यह उपहार स्वीकार नहीं किया।

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