पटना डेस्क: इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माता ओला ने अपने 1000 से अधिक कर्मचारियों को निकालने का निर्णय लिया है। इनमें कई संविदा कर्मचारी भी शामिल हैं। कंपनी पिछले कुछ समय से आर्थिक संकट का सामना कर रही है, जिसके कारण यह कदम उठाया गया है।

छंटनी की चपेट में कौन-कौन से विभाग?

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी लगभग सभी विभागों से कर्मचारियों की संख्या कम करने जा रही है। प्रभावित होने वाले विभागों में कस्टमर रिलेशंस, हायरिंग, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर आदि शामिल हैं। कंपनी को सॉफ्ट बैंक ग्रुप का समर्थन मिला है, लेकिन इसके बावजूद उसे लगातार नुकसान झेलना पड़ रहा है।

पांच महीनों में दूसरी बार छंटनी

ओला के फाउंडर भावेश अग्रवाल की इस कंपनी ने पिछले साल अगस्त में शेयर बाजार में एंट्री की थी। शुरुआत में इसकी लिस्टिंग शानदार रही, लेकिन बाद में नुकसान के कारण शेयर कीमतों में गिरावट आ गई। दिसंबर तिमाही में कंपनी को 50% का घाटा हुआ, जिससे कंपनी का मार्केट कैप भी लगातार गिरता जा रहा है।

गत नवंबर में भी 500 कर्मचारियों को निकाला गया था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कंपनी में 4000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से 1000 को हटाया जा रहा है। इनमें अधिकांश वे कर्मचारी हैं जो संविदा आधार पर कार्यरत थे और स्थायी कर्मचारियों की श्रेणी में नहीं आते।

कस्टमर सर्विस और मार्केट में गिरती साख

ग्राहक सेवा में विवाद और कोर्ट का आदेश

ओला की कस्टमर सर्विस को लेकर पहले भी विवाद हुए थे, जिसके कारण उपभोक्ता अदालत ने कंपनी को सेवा में सुधार के निर्देश दिए थे। सोशल मीडिया पर भी कंपनी की आलोचना होती रही है।

कंपनी का पुनर्गठन और नए प्रयोग

जानकारों के अनुसार, कंपनी अपने प्रदर्शन को सुधारने के लिए आंतरिक पुनर्गठन और लागत कटौती पर ध्यान दे रही है। इन नकारात्मक खबरों के बावजूद, ओला ने स्कूटर के नए मॉडल लॉन्च किए हैं और ईवी सेक्टर में नए प्रयोग कर रही है।

छंटनी के पीछे की रणनीति

बिजनेस रणनीति में बदलाव

कंपनी ने ब्लूमबर्ग को बताया कि वह अपने मार्जिन सुधारने और ऑपरेशंस को स्वचालित बनाने का प्रयास कर रही है। इसके अलावा, ग्राहक सेवा को बेहतर बनाने पर भी फोकस किया जा रहा है।

फरवरी में 25,000 यूनिट्स की बिक्री

गत सप्ताह ओला ने बताया कि उसने फरवरी में 25,000 से अधिक यूनिट्स बेचीं, जिससे ईवी टू-व्हीलर सेगमेंट में उसकी बाजार हिस्सेदारी 28% हो गई। हालांकि, कंपनी का लक्ष्य 50,000 यूनिट्स बेचने का था, जिसे वह पूरा नहीं कर सकी।

प्रतिस्पर्धा में पिछड़ती ओला

बजाज और टीवीएस से कड़ी टक्कर

वाहन पंजीकरण आंकड़ों के अनुसार, बजाज ऑटो लिमिटेड ने दिसंबर में इलेक्ट्रिक स्कूटर बाजार में पहला स्थान हासिल किया। टीवीएस मोटर कंपनी के बाद ओला इलेक्ट्रिक तीसरे स्थान पर खिसक गई है।

नए स्टोर्स की बाढ़, लेकिन बढ़ती शिकायतें

दिसंबर में ओला ने 3,200 नए आउटलेट लॉन्च किए, लेकिन इसके बावजूद 80,000 से अधिक ग्राहकों की शिकायतें दर्ज हुईं।भविष्य की चुनौतियांकंपनी पर मार्केट में अपनी स्थिति मजबूत करने और ग्राहकों का भरोसा जीतने का दबाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में देखना होगा कि ओला इलेक्ट्रिक इन चुनौतियों से कैसे निपटती है।

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