रांची/खूंटी: झारखंड के खूंटी जिले की 18 आदिवासी छात्राओं ने जेईई मेन 2025 परीक्षा पास करके नया इतिहास रच दिया है। यह पहली बार है जब राज्य के किसी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में पढ़ने वाली इतनी बड़ी संख्या में छात्राओं ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल की है।

ये सभी छात्राएं विभिन्न प्रखंडों से आती हैं और कठिन परिस्थितियों से गुजरते हुए अपनी मंजिल तक पहुंची हैं। कुछ छात्राओं के माता-पिता नहीं हैं, कुछ के परिवार मजदूरी करते हैं, तो कुछ के माता-पिता छोटी दुकान चला कर घर का खर्च चलाते हैं। इसके बावजूद इन छात्राओं ने अपने सपनों को साकार करने की ठानी और मेहनत से सफलता हासिल की।

संपूर्ण शिक्षा कवच अभियान ने बदली तकदीर

जिला प्रशासन द्वारा संचालित ‘संपूर्ण शिक्षा कवच’ अभियान के तहत खूंटी के कालामाटी स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की छात्राओं ने यह शानदार उपलब्धि हासिल की।

खूंटी के उपायुक्त (डीसी) लोकेश मिश्रा ने इस उपलब्धि पर छात्राओं को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा,”यह हमारे जिले के लिए गर्व का क्षण है। इन 18 छात्राओं ने यह साबित कर दिया है कि संसाधनों की कमी के बावजूद, यदि सही मार्गदर्शन और सहयोग मिले, तो ग्रामीण इलाकों की बेटियां भी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर सकती हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि यह उपलब्धि केवल छात्राओं की मेहनत का नतीजा नहीं है, बल्कि ‘संपूर्ण शिक्षा कवच अभियान’ के तहत शिक्षकों और जिला प्रशासन द्वारा किए गए निरंतर प्रयासों का भी प्रमाण है।

छात्राओं और शिक्षकों की प्रतिक्रिया

इस शानदार उपलब्धि से छात्राओं के साथ-साथ उनके शिक्षकों में भी खासा उत्साह देखने को मिला।स्कूल की वार्डन मीना बड़ाईक ने कहा,”जिला प्रशासन द्वारा शुरू किए गए इस अभियान ने छात्राओं के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है। मुझे खुशी है कि हमारी बेटियां अब इंजीनियर बनने का सपना देख रही हैं और उसे पूरा करने के लिए मेहनत कर रही हैं।”

छात्राओं ने भी अपनी सफलता का श्रेय जिला प्रशासन, शिक्षकों और अपने परिजनों को दिया और कहा कि वे आगे भी मेहनत करके अपने समाज के लिए कुछ करना चाहती हैं।

ग्रामीण शिक्षा में बड़ा बदलाव

खूंटी जिला प्रशासन इस सफलता को ग्रामीण शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव के रूप में देख रहा है और भविष्य में भी छात्राओं को इसी तरह सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।

दिलचस्प बात यह है कि इसी स्कूल की 23 छात्राओं ने जेईई मेन 2024 परीक्षा दी थी, जिनमें से 22 सफल हुई थीं। इससे पहले, ‘सपनों की उड़ान’ कार्यक्रम के तहत इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही 10 छात्राओं ने जेईई मेन 2023 पास किया था।

‘सपनों की उड़ान’ कार्यक्रम ने खोले नए रास्ते

खूंटी जिले में महिला साक्षरता की कमी और विज्ञान में लड़कियों की रुचि बढ़ाने के उद्देश्य से अक्टूबर 2021 में ‘सपनों की उड़ान’ कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी।

इस कार्यक्रम के तहत: केजीबीवी की छात्राओं को 11वीं और 12वीं कक्षा में भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और गणित की ऑनलाइन और ऑफलाइन कोचिंग दी जाती है।

इंजीनियरिंग और मेडिकल परीक्षाओं की तैयारी के लिए विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है।

ग्रामीण छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया जाता है।इस पहल ने खूंटी की लड़कियों को नई उड़ान दी है और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है।

निष्कर्ष: बेटियों की सफलता, समाज की प्रेरणा

खूंटी की इन 18 छात्राओं ने संसाधनों की कमी को अपनी सफलता के रास्ते की बाधा नहीं बनने दिया। उन्होंने मेहनत और लगन से साबित कर दिया कि सपने पूरे किए जा सकते हैं, अगर सही दिशा में प्रयास किए जाएं।

इस शानदार उपलब्धि ने न केवल खूंटी जिले को नई पहचान दिलाई है, बल्कि यह भी दिखाया है कि अगर सरकार और समाज मिलकर प्रयास करें, तो ग्रामीण बेटियां भी राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहरा सकती हैं।

यह सफलता केवल एक परीक्षा पास करने की नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण शिक्षा के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत है।

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