प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में 14 से 17 फरवरी के बीच चार नए विश्व रिकॉर्ड बनाए जाएंगे। प्रयागराज मेला विकास प्राधिकरण ने इन रिकॉर्ड्स को दर्ज कराने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम संगम नगरी पहुंच चुकी है और इन ऐतिहासिक पलों की गवाह बनेगी।

पिछले 2019 के अर्ध कुंभ में भी तीन विश्व रिकॉर्ड बनाए गए थे, और इस बार नए आयाम जोड़े जाएंगे। इस महाकुंभ में अब तक 48 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह महाकुंभ विश्व की अमूर्त धरोहर के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुका है और अब तक किसी भी धर्म में 31 दिनों में 48 करोड़ श्रद्धालु एक साथ नहीं जुटे हैं, जो कि स्वयं एक विश्व रिकॉर्ड है।

अब, अगले चार दिनों में चार और विश्व रिकॉर्ड बनाए जाने वाले हैं, जिनमें लाखों श्रद्धालु भाग लेंगे।

पहला रिकॉर्ड: 15,000 कर्मचारी सफाई अभियान में शामिल होंगे

14 फरवरी को 15,000 सफाई कर्मचारी गंगा घाट पर 10 किलोमीटर लंबे सफाई अभियान में हिस्सा लेंगे। घाटों पर इन कर्मचारियों को तैनात किया गया है। 2019 के कुंभ में भी 10,000 सफाई कर्मियों ने एक साथ झाड़ू लगाकर एक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। अब इस रिकॉर्ड को तोड़कर प्रयागराज मेला विकास प्राधिकरण एक नया इतिहास रचने जा रहा है।

दूसरा रिकॉर्ड: 300 कर्मचारी नदी की जलधारा में सफाई करेंगे

15 फरवरी को 300 सफाई कर्मी गंगा नदी की जलधारा में उतरकर विशाल सफाई अभियान को अंजाम देंगे। यह एक नया कीर्तिमान होगा क्योंकि पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लोग नदी के अंदर एकसाथ सफाई अभियान में भाग लेंगे। इस पहल का उद्देश्य नदी को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाना है।

तीसरा रिकॉर्ड: 1001 ई-रिक्शा त्रिवेणी मार्ग पर चलेंगे

16 फरवरी को 1001 ई-रिक्शा को एक साथ त्रिवेणी मार्ग पर चलाया जाएगा। यह रिकॉर्ड पर्यावरण-संरक्षण और हरित परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाया जा रहा है। यह एक ऐतिहासिक पहल होगी, जो सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में सबसे बड़े ई-रिक्शा संचालन के रूप में दर्ज होगी।

चौथा रिकॉर्ड: 10,000 लोगों के हाथों की छाप (हैंड प्रिंट) ली जाएगी

17 फरवरी को 10,000 लोगों के हाथों के छाप (हैंड प्रिंट) लेकर एक और विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा। मेला अधिकारी विजय किरण आनंद के अनुसार, इस ऐतिहासिक पहल के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

2019 के अर्ध कुंभ में बने थे कई रिकॉर्ड

2019 के अर्ध कुंभ में भी कई विश्व रिकॉर्ड बने थे, जिनमें शामिल हैं:

1. सबसे अधिक श्रद्धालुओं को एक स्थान पर एकत्र करने का रिकॉर्ड।

2. सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान।

3. सार्वजनिक स्थान पर सबसे बड़ी चित्रकला प्रतियोगिता।

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की तीन सदस्यीय टीम ने उस समय भी संगम नगरी का दौरा किया था। 28 फरवरी से 3 मार्च के बीच आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में हजारों लोग शामिल हुए थे।

तब 7,000 से अधिक विद्यार्थियों ने अपने एक हाथ की छाप (हैंड प्रिंट) लगाई थी। इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था। इससे पहले यह रिकॉर्ड दक्षिण कोरिया के सियोल शहर में 4,675 लोगों ने बनाया था।

महाकुंभ 2025: विश्व इतिहास में एक नई पहचान

महाकुंभ 2025 एक ऐतिहासिक आयोजन बन चुका है। 48 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की उपस्थिति, चार नए विश्व रिकॉर्ड, और महाकुंभ को विश्व की अमूर्त धरोहर के रूप में मान्यता इसे एक अद्वितीय आयोजन बना रहे हैं।यह आयोजन सिर्फ आस्था और श्रद्धा का केंद्र नहीं है, बल्कि स्वच्छता, पर्यावरण-संरक्षण, सामुदायिक सहभागिता और सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रयागराज कैसे एक बार फिर विश्व के सामने अपनी अनूठी पहचान को स्थापित करता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here