पटना: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद विपक्ष पर सवाल उठने लगे हैं। इसी बीच, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दिल्ली से पटना पहुंचे और पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “दिल्ली का फॉर्मूला बिहार में लागू नहीं होगा। यह बिहार है और इसे समझना इतना आसान नहीं है।”
जनता मालिक है, फैसला उसी का होगा: तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव ने दिल्ली में भाजपा की ऐतिहासिक जीत पर कहा कि लोकतंत्र की खूबसूरती यही है कि जनता जिसे चुनती है, वही सरकार बनाती है। उन्होंने कहा, “27 साल बाद दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी है। हम उम्मीद करते हैं कि भाजपा ने जो वादे दिल्ली की जनता से किए हैं, वे पूरे करें और केवल जुमलेबाजी तक सीमित न रहें।”
“यह बिहार है, इसे समझना आसान नहीं”— तेजस्वी यादव का पलटवार
दिल्ली में भाजपा नेताओं द्वारा दिए गए बयान— “दिल्ली तो झांकी है, बिहार अभी बाकी है”— पर तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “बिहार को समझाना आसान नहीं होगा। जब वे बिहार में आएंगे, तब उन्हें वास्तविक स्थिति का अंदाजा होगा। यहां की राजनीति अलग है और इसे समझना आसान नहीं है।”
बिहार में समय से पहले चुनाव की चर्चा तेज
दिल्ली चुनाव परिणाम के बाद बिहार में समय से पहले चुनाव की अटकलें लगाई जा रही हैं। होली के बाद चुनाव आयोग की टीम के बिहार आने की चर्चा तेज हो गई है, जिससे समयपूर्व चुनाव की संभावनाओं को बल मिला है। तेजस्वी यादव को इस बार महागठबंधन की जीत की पूरी उम्मीद है, हालांकि दिल्ली चुनाव परिणाम का असर उनके मनोबल पर पड़ा है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
दिल्ली जीत के बाद बिहार पर भाजपा का फोकस
दिल्ली में शानदार प्रदर्शन के बाद एनडीए ने बिहार में 200 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य को पाने के लिए गठबंधन के सभी दल अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर रहे हैं। दिल्ली में मिली जीत के बाद भाजपा और उसके सहयोगी दलों का मनोबल बढ़ गया है। दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में वापसी के बाद जीतन राम मांझी ने कहा, “दिल्ली तो झांकी है, बिहार अभी बाकी है।”
हरियाणा और दिल्ली की जीत के बाद एनडीए में जोश
हरियाणा और दिल्ली में जीत के बाद एनडीए कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर है। दिल्ली चुनाव संपन्न होते ही बिहार चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि दिल्ली चुनाव के नतीजों का असर बिहार विधानसभा चुनाव पर भी देखने को मिल सकता है। 243 सीटों वाले बिहार में 200 सीटों पर जीत का लक्ष्य पहले ही तय किया जा चुका है।
नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा बिहार चुनाव
बिहार में एनडीए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा। सभी सहयोगी दलों ने इस पर सहमति जता दी है। अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए के सभी घटक दल कार्यकर्ताओं को संगठित करने में जुटे हैं। अलग-अलग जिलों में संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित कर गठबंधन को मजबूत करने की कोशिशें तेज हो गई हैं।
दिल्ली जीत से एनडीए का मनोबल ऊंचा, बिहार में भी दिखेगा असर
दिल्ली में बड़ी जीत के बाद एनडीए के सभी सहयोगी दलों का जोश सातवें आसमान पर है। बिहार चुनाव में इसका असर दिखना तय माना जा रहा है। दिल्ली जीत को लेकर गठबंधन के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना कर रहे हैं और बिहार फतह की तैयारियों में जुट गए हैं। भाजपा की इस जीत से उत्साहित हम पार्टी के संयोजक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, “दिल्ली तो झांकी है, बिहार अभी बाकी है।”