अलीगढ़: मुजफ्फरनगर के मोघपुर गांव के निवासी 65 वर्षीय सुदेश पाल सिंह मलिक अपनी 92 वर्षीय मां जगवीरी देवी को महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज ले जा रहे हैं। सुदेश पाल ने अपनी वृद्ध मां के लिए एक खास रथ (छोटी बग्घी जैसी हाथगाड़ी) तैयार किया है, जिसमें बैठाकर वे स्वयं पैदल चलकर इसे खींचते हुए संगम नगरी प्रयागराज की ओर बढ़ रहे हैं। यह यात्रा उन्होंने मुजफ्फरनगर के मोघपुर गांव से शुरू की थी और अब उनका उद्देश्य महाकुंभ में अपनी मां को पवित्र स्नान कराना है। इस यात्रा के दौरान वह करीब 800 किलोमीटर का पैदल सफर तय करेंगे।
अलीगढ़ में किया गया भव्य स्वागत
गुरुवार को जब सुदेश पाल अपनी मां के साथ अलीगढ़ पहुंचे, तो अखिल भारतीय करणी सेना ने उनका भव्य स्वागत किया। करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने अपने पदाधिकारियों के साथ उन्हें फूलमाला पहनाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर ठाकुर ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि आजकल के समय में जब बच्चे अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम में छोड़ देते हैं, सुदेश पाल ने अपनी मां के प्रति अपने कर्तव्य का एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है। वह आधुनिक युग के श्रवण कुमार के रूप में उभरे हैं, जिन्होंने यह साबित कर दिया कि सच्ची भक्ति और सेवा आज भी जीवित है।
यात्रा का संदेश और प्रेरणा
सुदेश पाल की यह यात्रा न केवल एक धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह युवाओं को अपने माता-पिता के प्रति जिम्मेदारी और कर्तव्यों की याद दिलाने वाली एक प्रेरक कहानी भी है। करणी सेना के पदाधिकारियों ने भी इस यात्रा की सराहना की और कहा कि मां से बड़ा कोई देवता नहीं होता और उनकी सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है।
अगला पड़ाव प्रयागराज महाकुंभ
सुदेश पाल अब अपनी मां को लेकर अलीगढ़ से आगे की यात्रा के लिए रवाना हो चुके हैं। उनकी अगली मंजिल प्रयागराज महाकुंभ है, जहां वे अपनी मां के साथ संगम में पवित्र स्नान करेंगे और पुण्य अर्जित करेंगे। इस अनूठी यात्रा ने हर किसी के दिल को छुआ है और यह संदेश दिया है कि माता-पिता का सम्मान ही सबसे बड़ा धर्म है।
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