मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में एक व्यक्ति ने रेलवे की लापरवाही के कारण 50 लाख रुपये का मुआवजा दावा किया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि वह अपनी फैमिली के साथ महाकुंभ में शामिल होने के लिए ट्रेन का एसी टिकट लेकर स्टेशन पहुंचे, लेकिन ट्रेन का दरवाजा अंदर से बंद था, जिसके कारण वह ट्रेन में चढ़ नहीं सके। इसके बाद भी रेलवे स्टाफ ने कोई मदद नहीं की और ट्रेन छूट गई।

रेलवे बोर्ड को भेजा लीगल नोटिस

मुजफ्फरपुर के गायघाट थाना क्षेत्र के निवासी जनक किशोर उर्फ राजन झा ने इस लापरवाही पर भारतीय रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को लीगल नोटिस भेजा है। नोटिस में उन्होंने रेलवे से 15 दिनों के भीतर टिकट की राशि और ब्याज सहित वापस करने की मांग की है। अगर निर्धारित समय में राशि नहीं लौटाई जाती, तो उन्होंने 50 लाख रुपये के हर्जाने की चेतावनी दी है।

महाकुंभ में भाग न ले पाने से हुआ नुकसान

राजन झा का कहना है कि रेलवे की लापरवाही के कारण वह और उनका परिवार प्रयागराज के महाकुंभ में भाग नहीं ले सके। इससे न केवल शारीरिक और मानसिक नुकसान हुआ, बल्कि 144 वर्षों बाद मिला मोक्ष प्राप्ति का अवसर भी हाथ से चला गया। इस वजह से उन्होंने रेलवे से 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है।

ट्रेन का दरवाजा बंद होने के कारण यात्रा में विघ्न

राजन झा ने बताया कि उन्होंने अपने सास और ससुर के साथ 26 जनवरी को मुजफ्फरपुर से प्रयागराज जाने के लिए एसी-3 क्लास का टिकट बुक किया था। 27 जनवरी को जब वे स्टेशन पहुंचे, तो स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस का दरवाजा अंदर से बंद था। उन्होंने दरवाजा खुलवाने की कोशिश की, लेकिन किसी ने गेट नहीं खोला। इसके कारण वह दूसरी बोगी से यात्रा नहीं कर सके और ट्रेन छूट गई।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत दावा

राजन झा के अधिवक्ता एस.के. झा ने इस मामले को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत पेश किया है। उनका कहना है कि रेलवे का कर्तव्य था कि वह यात्रियों को सुरक्षित और समय पर उनके गंतव्य तक पहुंचाए, लेकिन रेलवे ने अपनी जिम्मेदारी का पालन नहीं किया। इसके कारण शिकायतकर्ता को आर्थिक, मानसिक और शारीरिक नुकसान हुआ है।

15 दिनों का समय, फिर मुकदमा

राजन झा ने रेलवे को एक लीगल नोटिस भेजा है, जिसमें उन्होंने 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है। उन्होंने रेलवे को 15 दिनों का समय दिया है कि वह पूरी राशि बिना किसी देरी के वापस करें। अगर रेलवे इस अवधि में कोई कदम नहीं उठाता, तो वह न्यायालय में मुकदमा दायर करेंगे।

यह मामला रेलवे की लापरवाही और यात्रियों के हक के लिए लड़ाई का प्रतीक बन गया है, जिसमें रेलवे पर अपनी जिम्मेदारी निभाने का दबाव डाला जा रहा है।

ALSO READ

MINISTER RADHAKRISHNA KISHORE: झारखंड के मंत्री राधाकृष्ण किशोर का बड़ा बयान, केंद्र से मांगा बकाया भुगतान

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here