जमशेदपुर: जीएसटी विभाग की टीम ने जमशेदपुर के एक व्यापारी के ठिकानों पर छापेमारी की और 150 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया। यह छापेमारी 24 घंटे तक चली और इस दौरान टीम ने कारोबारी के घर और अन्य स्थानों से दस्तावेज, कंप्यूटर, और अन्य महत्वपूर्ण सामान जब्त किए।
छापेमारी का घटनाक्रम
जमशेदपुर के जुगसलाई नया बाजार रोड स्थित व्यापारी जैसूका के ठिकानों पर जीएसटी विभाग की टीम ने छापा मारा। इस दौरान पुलिस टीम भी कार्रवाई में शामिल थी। कुल 20 सदस्यीय टीम ने जैसूका के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की और बड़ी मात्रा में जीएसटी धोखाधड़ी की जानकारी सामने आई। इस कारोबारी का मुख्य कार्य लोहे का है, और टीम ने उनके 8 ठिकानों पर कार्रवाई की। छापेमारी के दौरान फर्जी बिलिंग के जरिए सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह का खुलासा हुआ।
घोटाले का मास्टरमाइंड और फरार आरोपी
जीएसटी विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह घोटाला फर्जी कंपनियों के नेटवर्क के जरिए किया गया। मुख्य आरोपी विकास जैसूका, उसका भाई राजेश जैसूका और सहयोगी गोलू हैं, जो सभी फरार हैं। विभाग की टीम उनकी तलाश में जुटी हुई है। इस घोटाले के तहत सरकारी खजाने को 150 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। ओडिशा के खदानों में इस राशि का निवेश किया गया था और सरायकेला के डोभो स्थित रिसॉर्ट में काले धन का इस्तेमाल किया गया था।
प्रारंभिक जांच के परिणाम
जीएसटी विभाग की संयुक्त निदेशक सार्थक सक्सेना के निर्देशन में यह कार्रवाई की गई। टीम ने जांच में पाया कि पिछले तीन वर्षों से यह फर्जीवाड़ा चल रहा था। छापेमारी के दौरान तीन कंप्यूटर, चार लैपटॉप और छह मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं, जिनमें इस घोटाले से जुड़े डिजिटल सबूत होने की संभावना जताई जा रही है।
व्यापारी संगठनों का भी जुड़ाव
इस घोटाले में राजेश जैसूका का स्थानीय व्यापारिक संगठनों से संपर्क होने का शक है, और इस संबंध में भी जांच की जा रही है। पूरी जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि कुल कितने करोड़ रुपये की गड़बड़ी की गई है।
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