नई दिल्ली: इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो भारत के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में भारत पहुंचे हैं। समारोह में शामिल होने के लिए वह शनिवार को भारत आए और राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर वह आगंतुक पुस्तिका पर भी हस्ताक्षर किए। उनके साथ विदेश राज्य मंत्री पाबित्रा मार्गेरिटा भी मौजूद थीं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “बापू की स्थायी विरासत को श्रद्धांजलि।”
प्रभवो सुबियांटो की भारत यात्रा

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो की यह पहली राजकीय यात्रा है। इससे पहले दिन में उनका राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया। इस दौरान उन्होंने भारत के साथ मजबूत सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई। प्रबोवो सुबियांटो ने अक्टूबर 2024 में राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभाला था।
इंडोनेशिया और भारत के रिश्ते
राष्ट्रपति प्रबोवो ने कहा, “इंडोनेशिया भारत को अपना अच्छा मित्र मानता है। भारत वह पहला देश था जिसने हमारी स्वतंत्रता को मान्यता दी और हमारे स्वतंत्रता संग्राम में हमारा समर्थन किया। हम कभी नहीं भूलेंगे कि भारत ने हमारी मदद की। मैं आज इस यात्रा पर बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। कल मैं आपके गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहूंगा।”

द्विपक्षीय संबंध और रणनीतिक साझेदारी
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, भारत और इंडोनेशिया के बीच हजारों वर्षों से गहरे और मित्रवत संबंध रहे हैं। दोनों देश एक व्यापक रणनीतिक साझेदार हैं और इंडोनेशिया भारत की एक्ट ईस्ट नीति और इंडो-पैसिफिक दृष्टिकोण का अहम हिस्सा है। राष्ट्रपति सुबियांटो की इस राजकीय यात्रा के दौरान नेताओं को द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा करने और आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा।
ऐतिहासिक साझेदारी और रक्षा सहयोग
इंडोनेशिया के पहले गणतंत्र दिवस के अतिथि, राष्ट्रपति सुकर्णो को 1950 में सम्मानित किया गया था। दोनों देशों ने एशियाई और अफ्रीकी देशों के स्वतंत्रता आंदोलनों का समर्थन किया है, जैसे बांडुंग सम्मेलन और गुटनिरपेक्ष आंदोलन की स्थापना में उनका योगदान। रक्षा के क्षेत्र में, दोनों देशों के बीच हाल के वर्षों में करीबियां बढ़ी हैं, और मई 2018 में रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जो उनकी बढ़ती रणनीतिक साझेदारी को दर्शाता है।
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