नयागढ़/ओडिशा: भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने ओडिशा में लिथियम के भंडार होने की संभावना की ओर इशारा करते हुए एक महत्वपूर्ण खोज की है। जीएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, नयागढ़ जिले में हुए सर्वेक्षण के दौरान लिथियम की मौजूदगी के कुछ शुरुआती संकेत मिले हैं। लिथियम, जो बैटरियों, एल्यूमीनियम उत्पादों और सीसा उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है, यदि ओडिशा में इसके भंडार की पुष्टि होती है, तो यह राज्य के इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को बढ़ावा देने में सहायक हो सकता है।

नयागढ़ में मिले लिथियम के संकेत

केंद्रीय खान सचिव वी.एल. कांता ने कहा कि लिथियम की मौजूदगी के संकेत नयागढ़ जिले के पूर्वी घाट क्षेत्र में मिले हैं, लेकिन यह अभी शुरुआती स्तर की खोज है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अभी इस बारे में कोई दावा करना जल्दबाजी होगा। अभी तक कोई बड़ी खोज नहीं हुई है, और इस पर और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।

ओडिशा में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को मिलेगा बढ़ावा

यदि ओडिशा में लिथियम के भंडार की पुष्टि होती है, तो यह राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण को प्रोत्साहन दे सकता है। लिथियम बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों का एक अनिवार्य घटक है, और इसकी स्थानीय उपलब्धता से उत्पादन लागत में कमी आ सकती है। इस कारण ओडिशा को एक प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण केंद्र बनने का अवसर मिल सकता है।

खनन कार्य में तकनीकी सुधार और प्रगति

जीएसआई ओडिशा में खनिज संसाधनों के सर्वेक्षण के लिए नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल कर रहा है। केंद्रीय खान सचिव वी.एल. कांता राव ने बताया कि जीएसआई अब ड्रोन और एआई जैसी उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे सर्वेक्षण प्रक्रिया तेज और प्रभावी हो गई है। उन्होंने यह भी बताया कि राजस्थान और ओडिशा के मयूरभंज जिले में इन तकनीकों का उपयोग कर प्रायोगिक परियोजनाओं को शुरू किया गया है।

ओडिशा का खनन कार्य आदर्श बन चुका है

वी.एल. कांता राव ने ओडिशा के खनन कार्य को पूरे देश के लिए एक आदर्श बताया। उन्होंने कहा कि ओडिशा भारत के खनिज उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत योगदान करता है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि उन जिलों में खनिज सर्वेक्षण कार्य को तेज किया जाएगा, जहां पिछले कई सालों से खनन कार्य बंद पड़ा हुआ था।

खनन मंत्रियों का सम्मेलन

केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड (CGPI) की 64वीं बैठक में वी.एल. कांता राव ने भूविज्ञान के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और इसके विकास में बोर्ड की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने खान मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं का उल्लेख करते हुए, ‘क्रिटिकल मिनरल मिशन’ और अपतटीय खनन पर हाल ही में की गई बजटीय घोषणाओं का जिक्र किया।

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