उत्तराखंड: उत्तराखंड की धामी सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार ने यूसीसी के नियमों को मंजूरी दे दी है। यह भी कहा जा रहा है कि आगामी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर इसे राज्य में लागू किया जा सकता है। उत्तराखंड भारत का पहला राज्य बन जाएगा, जहां यूसीसी लागू होगा। इस पर आधिकारिक घोषणा जल्द ही की जाएगी।
कैबिनेट बैठक में यूसीसी नियमावली पर मुहर
सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन से संबंधित नियमावली पर सरकार ने अपनी मुहर लगा दी। राज्य सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि उत्तराखंड में जनवरी 2025 में यूसीसी लागू किया जाएगा। नियमावली को मंजूरी मिलने के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि इसे 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस के मौके पर लागू कर दिया जाएगा।
यूसीसी का महत्व और उद्देश्य
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद राज्य में सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून होगा। इससे शादी, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति का बंटवारा जैसे विषयों पर किसी भी नागरिक के लिए समान नियम लागू होंगे। संविधान के अनुच्छेद 44 में यह निर्देशित किया गया है कि सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार का कर्तव्य है।
उत्तराखंड में यूसीसी की तैयारी पूरी
उत्तराखंड सरकार ने 26 जनवरी से यूसीसी लागू करने के लिए सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली हैं। कार्यान्वयन समिति की सलाह पर सरकार ने कुछ संशोधन किए और फिर इसे विधायी विभाग के पास समीक्षा के लिए भेजा, जिसे विभाग ने मंजूरी दे दी। अब धामी सरकार ने इस नियमावली को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
गोवा के बाद उत्तराखंड होगा यूसीसी लागू करने वाला दूसरा राज्य
गोवा में पहले से ही यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है, लेकिन उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा जहां आजादी के बाद यूसीसी लागू किया जाएगा।
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