पटना: पटना में आयोजित आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में एक अहम फैसला लिया गया है। अब पार्टी की सारी जिम्मेदारी तेजस्वी यादव को सौंप दी गई है। हालांकि, राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी पर लालू प्रसाद यादव बने रहेंगे, लेकिन पार्टी के सभी अहम फैसले और कार्यों की कमान अब तेजस्वी के हाथों में होगी। खास बात यह है कि अब आरजेडी के उम्मीदवारों को चुनाव सिंबल पर भी तेजस्वी यादव का साइन होगा, जो पहले लालू यादव के नाम से होता था।

तेजस्वी को अब बराबरी का दर्जा, पार्टी के फैसले वह लेंगे

आरजेडी ने अचानक अपनी राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलायी थी। पार्टी में सांगठनिक चुनाव चल रहे थे, लेकिन बैठक का मुख्य उद्देश्य संविधान में बदलाव करना था। बैठक में प्रस्ताव रखा गया कि आरजेडी के संविधान की धारा 35ए में बदलाव किया जाए, जो कहता था कि सारे महत्वपूर्ण फैसले राष्ट्रीय अध्यक्ष ही लेंगे और पार्टी के उम्मीदवारों को सिंबल भी वही जारी करेंगे। अब इस धारा में बदलाव कर तेजस्वी यादव को भी पार्टी के अहम फैसले लेने की अनुमति दी गई है।

भाई वीरेंद्र का बयान: लालू के साथ तेजस्वी को भी समान जिम्मेदारी

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए आरजेडी के प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा कि अब लालू जी और तेजस्वी यादव दोनों को समान जिम्मेदारी दी गई है। इसके बाद दोनों में से कोई भी पार्टी के महत्वपूर्ण फैसले ले सकता है। इस प्रस्ताव को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस बदलाव से पार्टी को मजबूती मिलेगी।

तेजस्वी के हाथों में रिमोट कंट्रोल

इस फैसले का स्पष्ट अर्थ यह है कि पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद लालू यादव के पास रहेगा, लेकिन पार्टी के सभी कार्य और फैसले तेजस्वी यादव के जिम्मे होंगे। दरअसल, पिछले कुछ सालों से तेजस्वी यादव ही पार्टी का संचालन कर रहे थे, लेकिन चुनाव के दौरान लालू यादव की अहम भूमिका होती थी।

तेजस्वी अब उम्मीदवारों को देंगे सिंबल

आरजेडी में सबसे महत्वपूर्ण काम वह होता है जब पार्टी के कैंडिडेट्स को चुनाव में सिंबल दिया जाता है। पहले यह काम लालू यादव करते थे, लेकिन अब यह अधिकार तेजस्वी यादव को सौंपा गया है। इसका मतलब यह है कि लालू यादव पूरी तरह से सीन से बाहर हो जाएंगे, और तेजस्वी ही अब उम्मीदवार का नाम तय करेंगे और सिंबल भी जारी करेंगे।

तेजप्रताप खुद गाड़ी चलाकर तेजस्वी को लेकर पहूँच थे

हाल ही में, राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के बाद कुछ खास घटनाक्रम देखने को मिला। जब बैठक खत्म हो गई और तेजस्वी यादव गाड़ी में सवार हुए, तो उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव ने गाड़ी की स्टीयरिंग संभाल ली। इसका मतलब साफ था कि तेजस्वी की गाड़ी की ड्राइविंग का जिम्मा तेजप्रताप ने अपने हाथों में लिया। तेजप्रताप यादव यह पहले भी कह चुके हैं कि वह कृष्ण की भूमिका में हैं और तेजस्वी उनके अर्जुन हैं, जिनकी महाभारत की लड़ाई में जीत सुनिश्चित है।

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