नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पार्टी के नए मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ का उद्घाटन करते हुए भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल केवल भाजपा से नहीं बल्कि भारतीय राज्य से भी लड़ रहे हैं। राहुल गांधी ने आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ अपनी विचारधारा की लंबी परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि यह लड़ाई निष्पक्ष नहीं है। उन्होंने इसे भारतीय राज्य, भाजपा और आरएसएस के खिलाफ संघर्ष बताया।
भारतीय राज्य और भाजपा से लड़ाई का बयान
राहुल गांधी ने कहा कि अगर आप यह समझते हैं कि हम भाजपा या आरएसएस जैसे राजनीतिक संगठनों से लड़ रहे हैं, तो आप पूरी स्थिति को नहीं समझ पाए हैं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा और आरएसएस ने देश की हर संस्था को नियंत्रित कर लिया है। अब यह लड़ाई भाजपा, आरएसएस और भारतीय राज्य से हो रही है। मीडिया की स्वतंत्रता पर भी उन्होंने सवाल उठाए और कहा कि अब यह निष्पक्ष नहीं रहा है।
चुनाव आयोग पर भी हमला
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया। उन्होंने महाराष्ट्र चुनावों में अचानक मतदाताओं की संख्या में वृद्धि पर चिंता जताते हुए आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने पारदर्शिता नहीं दिखाई। उनका कहना था कि यह चुनाव आयोग का कर्तव्य है कि वह मतदाता सूची और इसके बदलाव को स्पष्ट करे।
भाजपा के एजेंडे का विरोध
राहुल गांधी ने भाजपा के अल्पसंख्यकों और पिछड़ी जातियों की आवाज दबाने के प्रयासों का विरोध किया। उनका कहना था कि भाजपा का उद्देश्य भारत को एक व्यक्ति के नेतृत्व में लाना और दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ी जातियों और आदिवासियों की आवाज को दबाना है। कांग्रेस पार्टी ही इस एजेंडे के खिलाफ संघर्ष कर रही है क्योंकि कांग्रेस एक विचारधारा वाली पार्टी है।
केंद्रीय मंत्री और विहिप का पलटवार
राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उन्हें मानसिक स्थिरता की जांच कराने की सलाह दी। वहीं, विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने राहुल गांधी के बयान को कांग्रेस की संस्कृति बताया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ऐसे बयान देकर अपनी राजनीति को गिरा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का हिंदू विरोधी और भारत विरोधी एजेंडा अब सामने आ चुका है।
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