पटना: बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और उससे पहले राज्य सरकार रोजगार सृजन की दिशा में कदम उठा रही है। विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है। अलग-अलग विभागों में खाली पदों का आंकलन करने का काम जोरों पर है।

पूरा मामला

विभागों की योजना है कि चुनाव से पहले जितना संभव हो सके, रिक्त पदों पर नियुक्तियां कर ली जाएं। इसी सिलसिले में भवन निर्माण विभाग ने विभाग के तहत संविदा और बाह्य स्रोत से नियुक्त कर्मचारियों का विवरण तलब किया है।

सूत्रों के अनुसार, भवन निर्माण विभाग के उप सचिव शिव रंजन ने सभी अधीक्षण अभियंताओं को एक पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि 2005 से अब तक संविदा और बाह्य स्रोत से नियुक्त कर्मियों के आंकड़े विभाग को तीन दिन के भीतर भेजे जाएं। विभाग ने कहा है कि यह जानकारी तीन दिन के भीतर ई-मेल के माध्यम से, जबकि 13 नवंबर तक भौतिक रूप से विभाग को दे दी जाए।

पत्र में एक फॉर्मेट भी दिया गया है, जिसमें कर्मचारियों का विवरण भरना होगा। इसमें अनारक्षित, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के कर्मियों का अलग-अलग ब्योरा देना होगा। यह जानकारी हर वर्ष के आधार पर देनी होगी। उदाहरण स्वरूप, 2005 से 2006 तक कितने कर्मचारियों की नियुक्ति हुई, और इसके बाद हर साल के आंकड़े अपडेट किए जाएंगे।

राज्य के विकास कार्यों में तेज़ी लाने के लिए समीक्षा बैठकें

इसके अलावा, राज्य के विकास कार्यों को तेज़ी से अंजाम देने के लिए मुख्य सचिव नियमित रूप से विभागों के साथ समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने मुख्य सचिव का पद संभालने के बाद पहली बैठक में ही निर्णय लिया कि प्रत्येक सोमवार को योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। अब निर्धारित बैठक के एजेंडे में थोड़ा बदलाव किया गया है।

भवन निर्माण विभाग के अनुसार, प्रत्येक सोमवार को होने वाली बैठक में मुख्य सचिव सबसे पहले योजना व्यय की प्रगति की रिपोर्ट लेंगे और उसकी समीक्षा करेंगे। इसके बाद केंद्र से मिलने वाले धन और राजस्व संग्रह की भी समीक्षा की जाएगी। तीसरी प्राथमिकता में विभागों से रिक्त पदों की जानकारी ली जाएगी और सरकार इन पदों को भरने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करेगी।

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