पटना: केंद्र सरकार ने इस साल फरवरी में बजट पेश करते हुए कैंसर मरीजों के लिए राहत की घोषणा की थी। सरकार ने कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 36 महत्वपूर्ण दवाओं से बेस कस्टम ड्यूटी हटाने का फैसला किया। इस निर्णय के बाद इन दवाओं की कीमतों में कमी आना तय है। लेकिन कौन-कौन सी दवाएं सस्ती होंगी और कस्टम ड्यूटी हटने से उनकी कीमतों पर कितना असर पड़ेगा। यह सवाल आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
36 जीवन रक्षक दवाओं की कीमत होगी कम
मीडिया रिपोर्ट्स ने इस मुद्दे पर दवा विक्रेताओं से बातचीत की। रिटेल डिस्ट्रीब्यूशन केमिस्ट एसोसिएशन (RDCA) के जोनल हेड डॉ. बसंत गोयल ने बताया कि इस साल सरकार ने 36 महत्वपूर्ण कैंसर रोधी दवाओं पर से बेस कस्टम ड्यूटी समाप्त कर दी है। इनमें फेफड़ों के कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर, आंतों के कैंसर और मुख कैंसर जैसी बीमारियों में दी जाने वाली दवाएं शामिल हैं।
महंगे इंजेक्शन भी होंगे सस्ते
डॉ. गोयल ने बताया कि पिछले साल सरकार ने कुछ दवाओं को कस्टम ड्यूटी मुक्त किया था, जिनमें एक से डेढ़ लाख रुपये के महंगे इंजेक्शन शामिल थे। इस फैसले के बाद उन दवाओं की कीमतों में भारी गिरावट आई थी, जिससे मरीजों को बड़ा फायदा मिला। इस बार के बजट में लिए गए फैसले के बाद भी, नई बैच की पैकिंग सस्ते दरों पर उपलब्ध होगी और कैंसर मरीजों को राहत मिलेगी।
कब से कम होंगे कैंसर की दवाओं के दाम?
1 अप्रैल का इंतजार नहीं, जल्द ही मिलेंगी सस्ती दवाएंडॉ. गोयल के अनुसार, अक्सर लोगों को लगता है कि बजट की घोषणाएं 1 अप्रैल से लागू होंगी, लेकिन दवा उद्योग में ऐसा नहीं होता। जब सरकार कस्टम ड्यूटी हटाने का ऐलान कर देती है, तो दवा कंपनियां नए बैच की दवाएं कम कीमत पर तैयार करने लगती हैं। इसलिए, अप्रैल से पहले ही बाजार में सस्ती दवाइयां उपलब्ध हो सकती हैं। हालांकि, पुराना स्टॉक अभी भी पुराने दामों पर बिकेगा, लेकिन नया स्टॉक सस्ती दरों पर जल्द ही मिलने लगेगा।
30% तक घटेगी कीमत, लाखों मरीजों को फायदा
गोयल फार्मा के संचालक डॉ. बसंत गोयल ने बताया कि 36 जीवन रक्षक कैंसर दवाओं पर कस्टम ड्यूटी हटाने के कारण उनकी कीमतों में 30% तक की गिरावट आएगी। इनमें से 6 प्रमुख दवाओं और इंजेक्शनों की कीमत 18,000 रुपये से लेकर 2,22,000 रुपये तक थी, जो अब सस्ती हो जाएंगी।
भारत में तेजी से बढ़ रहे कैंसर के मरीज
2026 तक हर साल 20 लाख नए मामले होने की आशंका
डॉ. गोयल ने बताया कि भारत में हर साल कैंसर के करीब 14 से 15 लाख नए मामले सामने आते हैं। बीते कुछ वर्षों में कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। आईसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार, 2026 तक यह संख्या बढ़कर 20 लाख सालाना तक पहुंच सकती है।
सरकार के इस फैसले से लाखों कैंसर मरीजों को राहत मिलेगी, क्योंकि अब इलाज पर होने वाला खर्च कम हो जाएगा। जल्द ही नई दरों पर दवाएं उपलब्ध होने की उम्मीद है।