पटना: लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और लोगों को सामान्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की गई है। जिले की जीविका दीदियां अब लोगों की मेडिकल जांच भी करेंगी। जिले से 50 जीविका दीदियों का चयन सामुदायिक पोषण संसाधनसेवी के रूप में किया गया। विभाग द्वारा इनको प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा, जांच के लिए अन्य उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं जैसे ब्लड शुगर मॉनिटर, ब्लड प्रेशर मॉनिटर, वेइंग स्केल आदि। गांवों में घूम-घूमकर लोगों के स्वास्थ्य की प्राथमिक जांच करेंगी। इसके लिए जीविका दीदी को मामूली शुल्क पांच रुपये देने होंगे। प्राथमिक जांच में ब्लड प्रेशर, शुगर या अन्य बीमारी मिलने पर मरीज को तुरंत एएनएम के माध्यम से नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराएंगी।
बता दें इससे हार्ट अटैक, ब्रेन हैमरेज, लकवा जैसे मामले कम हो जाएंगे। स्वास्थ्य जांच के साथ प्रशिक्षित जीविका दीदी सामान्य बीमारी से बचाव के उपाय भी बताएंगी। दरअसल, जानकारी के अभाव में आम लोगों के स्वस्थ शरीर में बीमारी अपनी जगह बना लेती है। पहले दौर में बीमारी की पहचान न होने वक्त पर इलाज न होने से बीमारी गंभीर बन जाती है। जीविका दीदियों द्वारा प्राथमिक जांच करने से बीमारी की पहचान होगी और समय पर इलाज भी हो सकेगा।
गर्भवती महिलाओं की भी करेंगी पूरी देखभाल
गांव में सामुदायिक पोषण विशेषज्ञ जीविका दीदी गर्भवती महिलाओं को व्यापक देखभाल प्रदान करने के लिए भी जिम्मेदार होंगी। विभाग ने इस उद्देश्य के लिए सुरक्षा पैकेज भी तैयार किए हैं। महिलाओं के गर्भवती होने से लेकर बच्चा होने तक में होने वाली सभी तरह की जांच व जरूरत के अनुसार उन्हें पोषण उपलब्ध कराने की जानकारी भी देंगी। जरूरत पड़ने पर गर्भवती महिलाओं को एएनएम के माध्यम से दवा भी उपलब्ध करायी जाएगी. गांव-गांव में जाने वाली जीविका दीदियों से आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य पूरा करने में भी सहायता ली जाएगी ताकि आसानी से जरूरतमंद लोगों को आयुष्मान कार्ड उपलब्ध हो सके।
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