नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन को सुझाव दिया कि राज्य में तमिल भाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की शिक्षा शुरू की जाए। शाह ने भाषा के मुद्दे पर स्टालिन के हिंदी विरोध पर भी कटाक्ष किया और कहा कि मोदी सरकार ने सुधार करते हुए अब यह सुनिश्चित किया है कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के उम्मीदवार अपनी क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा दे सकें।
CISF के 56वें स्थापना दिवस पर संबोधन
गृह मंत्री शाह चेन्नई से लगभग 70 किलोमीटर दूर रानीपेट जिले के आरटीसी थक्कोलम में CISF के 56वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने बदलाव किए हैं और अब परीक्षा में उत्तर पुस्तिका तमिल भाषा में भी लिखी जा सकती है।
तमिल में मेडिकल-इंजीनियरिंग पढ़ाई की अपील
अमित शाह ने तमिलनाडु सरकार से अपील की कि छात्रों के हित में राज्य में तमिल भाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग शिक्षा को लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की संस्कृति ने भारत की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करने में अहम योगदान दिया है।
तमिलनाडु का भारतीय संस्कृति में योगदान
गृह मंत्री ने कहा कि चाहे वह प्रशासनिक सुधार, आध्यात्मिक उन्नति, शिक्षा का क्षेत्र हो या राष्ट्र की एकता और अखंडता, तमिलनाडु ने हमेशा भारतीय संस्कृति को समृद्ध किया है।
CISF के कार्यक्रम में विविध प्रदर्शन
इस समारोह में अर्धसैनिक बल की टुकड़ियों ने ‘मार्च पास्ट’, योग प्रदर्शन और कमांडो अभियान का शानदार प्रदर्शन किया। गृह मंत्री शाह ने इन आयोजनों की सराहना की और CISF जवानों को बधाई दी।