पटना डेस्क: किडनी इंफेक्शन, जिसे पायलोनेफ्राइटिस भी कहा जाता है, मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI) का एक गंभीर रूप है। यह संक्रमण मूत्र मार्ग (यूरिनरी ट्रैक्ट) या मूत्राशय से शुरू होकर एक या दोनों किडनी तक फैल सकता है। यदि इस संक्रमण का समय रहते इलाज न किया जाए, तो यह किडनी को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है। इतना ही नहीं, यह रक्त प्रवाह के जरिए शरीर के अन्य हिस्सों में फैलकर घातक संक्रमण का कारण भी बन सकता है। इसलिए किडनी इंफेक्शन के लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
किडनी इंफेक्शन के प्रमुख लक्षण
किडनी में संक्रमण होने पर शरीर में कुछ स्पष्ट संकेत नजर आते हैं, जिनमें शामिल हैं:
तेज बुखार
सर्दी लगना या ठंड महसूस होना
पेशाब करते समय जलन या दर्द
बार-बार पेशाब आने की समस्या
पीठ, कमर या बगल में दर्द
मूत्र में बदबू, खून या मवाद आना
पेट दर्द और अपच की समस्या
मतली और उल्टी होना
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो बिलंब किए बिना डॉक्टर से संपर्क करें।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
अगर आपको मूत्र में खून, तेज बुखार, मतली या उल्टी जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि संक्रमण बढ़ रहा है। गंभीर किडनी संक्रमण रक्त विषाक्तता (सेप्सिस) या किडनी फेल्योर जैसी जटिलताओं का कारण बन सकता है। इसलिए इस स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
किडनी इंफेक्शन के मुख्य कारण
किडनी संक्रमण के पीछे कई वजहें हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
बैक्टीरिया का संक्रमण – यह सबसे सामान्य कारण है, जो मूत्रमार्ग से होते हुए किडनी तक पहुंच सकता है।
मूत्र मार्ग में रुकावट – किडनी स्टोन या प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली – डायबिटीज या अन्य रोगों से कमजोर इम्यून सिस्टम संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकता है।
कैथेटर का उपयोग – लंबे समय तक मूत्राशय में कैथेटर लगे रहने से बैक्टीरियल संक्रमण हो सकता है।
वेसिकोयूरेटरल रिफ्लक्स (VUR) – यह एक चिकित्सीय स्थिति है जिसमें मूत्र विपरीत दिशा में बहने लगता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
संभोग के दौरान बैक्टीरिया का ट्रांसफर – महिलाओं में यह संक्रमण अधिक देखने को मिलता है।
किडनी को नुकसान पहुंचाने वाली बुरी आदतें
अगर आप इन गलतियों को बार-बार दोहराते हैं, तो किडनी इंफेक्शन और अन्य किडनी संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है:
पर्याप्त पानी न पीना – कम पानी पीने से शरीर से विषाक्त पदार्थ पूरी तरह बाहर नहीं निकलते, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
धूम्रपान – सिगरेट पीने से किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
अत्यधिक नमक और चीनी का सेवन – ज्यादा नमक और शुगर लेने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जो किडनी को नुकसान पहुंचाता है।
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई किसी भी स्वास्थ्य संबंधी सलाह को अपनाने से पहले कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।