तिरुवनंतपुरम: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में दो भारतीय नागरिकों को हत्या के अलग-अलग मामलों में दोषी पाए जाने के बाद फांसी दे दी गई। कासरगोड निवासी मुरलीधरन (43) और कन्नूर निवासी मुहम्मद रिनाश (29) को पहले ही मौत की सजा सुनाई जा चुकी थी। यूएई के अधिकारियों ने 28 फरवरी को भारतीय दूतावास को उनकी फांसी की सूचना दी, जिसके बाद विदेश मंत्रालय (एमईए) ने उनके परिवारों को इसकी जानकारी दी।

विदेश मंत्रालय का बयान

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों व्यक्तियों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किया गया और उन्हें सभी कानूनी सहायता प्रदान की गई। मंत्रालय ने उनके परिवारों के अंतिम संस्कार में शामिल होने की भी व्यवस्था की। रिनाश की मां और अन्य परिजन अबू धाबी गए ताकि अंतिम बार उसे देख सकें।

मुहम्मद रिनाश का अपराध

केरल के कन्नूर जिले के थालास्सेरी निवासी 29 वर्षीय मुहम्मद रिनाश तीन साल पहले नौकरी की तलाश में दुबई गया था। फरवरी 2023 में उसने एक यूएई नागरिक की हत्या कर दी थी, जिसके चलते उसे मौत की सजा सुनाई गई।

रिपोर्ट के अनुसार, मानसिक रूप से बीमार यूएई नागरिक जियाद राशिद अल मंसूरी ने रिनाश पर हमला किया था। दोनों पहले से एक-दूसरे को जानते थे, लेकिन किसी बात पर विवाद हो गया। इस दौरान रिनाश ने राशिद पर चाकू से हमला कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जहां वह दो साल तक बंद रहा।

रिनाश की मां का कहना है कि उनके बेटे का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था और उसने कभी कोई अपराध नहीं किया। उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन, स्थानीय सांसद और भारतीय दूतावास से हस्तक्षेप की मांग की थी, लेकिन वह अपने बेटे को बचा नहीं सकीं।

मुरलीधरन का अपराध

कासरगोड निवासी 43 वर्षीय मुरलीधरन को साथी भारतीय नागरिक मोइद्दीन की हत्या के मामले में दोषी पाया गया था। उस पर डकैती के प्रयास के दौरान हत्या करने का आरोप था।

मोइद्दीन के लापता होने के बाद उसके परिवार ने शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस जांच में पता चला कि मुरलीधरन उसका फोन इस्तेमाल कर रहा था। बाद में पुलिस को मालूम हुआ कि मोइद्दीन की हत्या कर शव को रेगिस्तान में दफना दिया गया था। इसके बाद मुरलीधरन को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां उसे मौत की सजा सुनाई गई।

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