पटना डेस्क: बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में लगभग 20 वर्षों तक राज करने वाले नीतीश कुमार अब लोगों की पहली पसंद नहीं रहे। अगर अभी बिहार में विधानसभा चुनाव होते हैं, तो उनकी स्थिति कमजोर नजर आ रही है। कभी जनता के बीच चर्चित रहे चिराग पासवान की लोकप्रियता भी काफी घट गई है। एक प्रमुख टेलीविजन चैनल द्वारा किए गए सर्वेक्षण में यही तथ्य सामने आए हैं।
तेज गिरावट आई नीतीश की लोकप्रियता में
इंडिया टुडे और सी वोटर्स ने बिहार चुनाव से पहले जनता के मूड को समझने के लिए यह सर्वे किया। हालांकि, इसमें पार्टियों या गठबंधन को मिलने वाली सीटों का अनुमान नहीं लगाया गया, बल्कि लोगों से पूछा गया कि वे मुख्यमंत्री पद के लिए किसे पसंद करते हैं। सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि नीतीश कुमार की लोकप्रियता में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
नीतीश की साख घटी, जनता में विश्वास कम
सर्वे के अनुसार, अब बिहार के सिर्फ 18% लोग ही नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। यानी कि 82% लोग अब उन्हें इस पद पर नहीं देखना चाहते।सर्वेक्षण में यह भी सामने आया कि 58% लोगों का मानना है कि नीतीश कुमार की विश्वसनीयता में भारी गिरावट आई है। 13% लोगों ने उनकी साख में कुछ कमी बताई, जबकि 21% लोगों ने कहा कि उनकी विश्वसनीयता पर कोई असर नहीं पड़ा है।
तेजस्वी यादव सबसे आगे
सर्वे में जनता से पूछा गया कि वे किसे मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। 41% लोगों ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव को अपनी पहली पसंद बताया। इस आंकड़े के आधार पर कहा जा सकता है कि तेजस्वी यादव अब अपने राजनीतिक गुरु और चाचा नीतीश कुमार से काफी आगे निकल चुके हैं।
चिराग की चमक फीकी, प्रशांत किशोर को पसंद कर रहे लोग
मुख्यमंत्री पद की पसंद के सवाल पर 15% लोगों ने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को बेहतर उम्मीदवार बताया। वहीं, 8% लोगों ने बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी का समर्थन किया।सर्वे के नतीजों में सबसे ज्यादा झटका चिराग पासवान को लगा। पहले युवाओं के बीच लोकप्रिय रहे चिराग को अब मात्र 4% लोग ही मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।
बिहार में बदलाव की चाह
सर्वेक्षण के अनुसार, 50% लोग मौजूदा एनडीए सरकार से नाराज हैं और बदलाव चाहते हैं। 22% लोग सरकार से नाखुश तो हैं लेकिन बदलाव नहीं चाहते। वहीं, 25% लोगों का मानना है कि वे सरकार से न तो खुश हैं, न ही किसी बदलाव की जरूरत महसूस करते हैं।
ये नतीजे ऐसे समय में आए हैं जब हाल ही में नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर बीजेपी के 7 नए मंत्रियों को शामिल किया है। बीजेपी का कहना है कि वे नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे, लेकिन अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, यह अभी तय नहीं है। बिहार में विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले हैं। अगर यह सर्वेक्षण सही साबित होता है, तो एनडीए के लिए यह चिंता का विषय हो सकता है।

































