गिरिडीह: गिरिडीह जिले के स्ट्रांग रूम से मैट्रिक परीक्षा का प्रश्न पत्र चोरी कर वायरल कर दिया गया। जानकारी के अनुसार, कमलेश नामक युवक ने अपनी गर्लफ्रेंड को प्रभावित करने के लिए यह कदम उठाया। हालांकि, जब वह अपने साथियों के साथ प्रश्न पत्र लेकर कमरे में पहुंचा, तो पैसे कमाने का लालच आ गया और उसने प्रश्न पत्र को बेच दिया। कोडरमा पुलिस की जांच में सामने आया कि प्रश्न पत्र को ₹300 से लेकर ₹3000 तक में बेचा गया।
गिरफ्तार आरोपी पैसे लेकर प्रश्न पत्र बेचते थे

कोडरमा पुलिस ने मंगलवार को गिरिडीह से मुख्य आरोपी समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया। इससे पहले भी कोडरमा और अन्य जगहों पर छापेमारी की गई थी, जिसमें कई गिरफ्तारियां हुईं। अब सवाल उठ रहा है कि गिरिडीह में बनाए गए स्ट्रांग रूम की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई। परीक्षा के प्रश्न पत्रों को संभालने की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों, कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों की थी, उनकी भूमिका पर भी संदेह किया जा रहा है।
ई-रिक्शा से क्यों ले जाया गया प्रश्न पत्र?

जब 7 फरवरी को ट्रक से प्रश्न पत्र लाया गया, तो छोटे ट्रक को परिसर के अंदर ले जाया गया, लेकिन 14-चक्का ट्रक मुख्य गेट के बाहर ही खड़ी रही। इसके बाद मजदूरों और ई-रिक्शा (टोटो) का सहारा लिया गया। टोटो में प्रश्न पत्रों को लोड कर नगर निगम के भवन के ऊपरी तले में बनाए गए स्ट्रांग रूम तक पहुंचाया गया। जबकि मुख्य गेट से स्ट्रांग रूम तक की दूरी मात्र 45-50 कदम थी।
अब बड़ा सवाल यह उठता है कि इतनी कम दूरी के लिए मजदूरों की संख्या सात से बढ़ाकर बारह क्यों की गई और टोटो का इस्तेमाल क्यों किया गया? क्या यह प्रक्रिया पेपर चोरी की साजिश का हिस्सा थी?
असुरक्षित भवन का चयन क्यों किया गया?

सुरक्षित भवन होते हुए भी प्रश्न पत्र रखने के लिए सार्वजनिक स्थान का चयन किया गया, जहां अक्सर नशेड़ियों का जमावड़ा रहता है। इस कैंपस में एक अन्य इमारत है, जिसका उपयोग विवाह आयोजनों के लिए किया जाता है।इसके अलावा, जिस भवन के ऊपरी मंजिल में प्रश्न पत्र रखा गया था, उसी भवन के निचले हिस्से में नगर निगम का गोदाम चलता है, जहां कर्मियों की आवाजाही बनी रहती है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर इस भवन का चयन क्यों किया गया?

इसके अलावा, जब यहां इतने महत्वपूर्ण दस्तावेज रखे गए थे, तो सीसीटीवी कैमरों से निगरानी क्यों नहीं की जा रही थी?
10 शिक्षक और ट्रेजरी क्लर्क तैनात, फिर भी चोरी कैसे हुई?
सूचना के अनुसार, प्रश्न पत्रों को व्यवस्थित तरीके से क्रमांकित कर स्ट्रांग रूम में रखा गया था। परीक्षा के दिन उन्हें निकालने की जिम्मेदारी ट्रेजरी क्लर्क और 10 शिक्षकों को दी गई थी। इसके अलावा, सुरक्षा के लिए पुलिस अधिकारी और जवान भी तैनात थे।7 फरवरी को जब प्रश्न पत्रों को ट्रक से उतारा जा रहा था, तब अतिरिक्त सुरक्षा बल मौजूद था। इसके बावजूद, मजदूर के रूप में काम कर रहे छात्रों ने पेपर चुरा लिया।
अब जब कोडरमा पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया है, तो घटना से जुड़े अधिकारी, कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी चुप्पी साधे हुए हैं।
जांच के नाम पर चुप्पी, प्रशासन सवालों से बचता रहा

मंगलवार को कोडरमा के एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह की अगुवाई में गिरिडीह में छापेमारी हुई, जिससे यह साफ हो गया कि प्रश्न पत्र स्ट्रांग रूम से ही चोरी हुआ था। जब अधिकारियों से इस संबंध में सवाल किए गए, तो उन्होंने जांच जारी होने की बात कहकर जवाब देने से बचने की कोशिश की।
इस मामले में गिरफ्तार किए गए छह लोगों में से दो 12वीं, तीन 10वीं और एक 9वीं कक्षा के छात्र हैं। इनमें से तीन छात्र गिरिडीह के अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर दसवीं की परीक्षा भी दे रहे थे। चौंकाने वाली बात यह है कि यही छात्र मजदूर बनकर स्ट्रांग रूम तक पहुंचे थे।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि मजदूरों को हायर किसने किया, सीसीटीवी कैमरे क्यों नहीं लगाए गए, और टोटो का उपयोग क्यों किया गया? लेकिन प्रशासन की तरफ से केवल यही जवाब मिल रहा है—”जांच जारी है।”