पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों राज्यभर में प्रगति यात्रा पर हैं। इस दौरान वे विभिन्न जिलों में जाकर सरकारी योजनाओं की समीक्षा कर रहे हैं और करोड़ों रुपये की नई परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास भी कर रहे हैं। लेकिन सासाराम जिले में उनकी यात्रा के दौरान भारी विरोध देखने को मिला।
सासाराम में नारेबाजी से गरमाया माहौल
प्रगति यात्रा के पांचवें चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज सासाराम के रोहतास जिले के चेनारी गांव पहुंचे। जैसे ही वे वहां पहुंचे, ग्रामीणों ने उनके खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों ने “नीतीश कुमार मुर्दाबाद” के नारे लगाए, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाया। चुनाव से पहले इस तरह के विरोध ने राजनीतिक हलकों में कई चर्चाओं को जन्म दिया है।
ग्रामीणों का आक्रोश: योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा
विरोध कर रहे ग्रामीणों से जब उनकी नाराजगी का कारण पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री राज्य में विकास योजनाओं का दावा कर रहे हैं, लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और ही है। योजनाओं का लाभ आम लोगों तक नहीं पहुंच रहा, जिससे जनता नाराज है। उनका कहना था कि यदि मुख्यमंत्री हमारी समस्याओं को सुनने तक को तैयार नहीं हैं, तो यह कैसी प्रगति यात्रा? उन्होंने इस यात्रा को बेकार बताते हुए कहा कि इसका कोई ठोस उद्देश्य नहीं दिख रहा।
छात्रों ने भी दिखाया काला झंडा
गौरतलब है कि इससे पहले रविवार को प्रगति यात्रा के दौरान जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जगदीशपुर के सिअरुआ पहुंचे, तो पहले से मौजूद आइसा और आरवाईए के छात्रों ने उन्हें काले झंडे दिखाए। छात्रों की 13 सूत्री मांगें थीं, जिन्हें वे मुख्यमंत्री तक पहुंचाना चाहते थे, लेकिन उन्हें मिलने का मौका नहीं दिया गया।