गढ़वा: झारखंड को सीधे छत्तीसगढ़ से जोड़ने वाली एनएच-343 पर स्थित अन्नराज घाटी का एक तीखा मोड़ कई दुर्घटनाओं का कारण बनता रहा है। इस मोड़ के ठीक सामने सैकड़ों फीट गहरी खाई है, जिससे छत्तीसगढ़ की ओर से आने वाली बसें कई बार दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी हैं। इन हादसों में कई लोगों की जान गई है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) करोड़ों रुपए की लागत से नई तकनीक का इस्तेमाल कर इस सड़क का निर्माण करा रहा है।

नई तकनीक से होगा सड़क का निर्माण

अन्नराज घाटी की शुरुआत में ही एक तीखा मोड़ स्थित है, जहां सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती हैं। इस समस्या के समाधान के लिए NHAI नई तकनीक के माध्यम से सड़क का निर्माण करवा रहा है। इस परियोजना के तहत खतरनाक मोड़ को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। साथ ही, सड़क को सीधा करने के लिए गहरी खुदाई कर इसे निचले स्तर पर बनाया जा रहा है। घाटी की ऊंचाई कम करने से वाहन चालकों को अधिक सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना काफी हद तक कम हो जाएगी।

ब्लैक स्पॉट घोषित कर हुआ सुधार कार्य शुरू

सड़क सुरक्षा टास्क फोर्स की बैठक में अन्नराज घाटी के इस खतरनाक मोड़ को प्रशासन ने ब्लैक स्पॉट घोषित किया था। इसके बाद NHAI ने इस मोड़ की गंभीरता को समझते हुए इसके पुनर्निर्माण का टेंडर पास किया और सुधार कार्य शुरू किया। लगातार होने वाली दुर्घटनाओं के कारण इस घाटी को ‘मौत की घाटी’ भी कहा जाने लगा था। हालांकि, नई सड़क बनने के बाद स्थानीय लोगों और यात्रियों का मनोवैज्ञानिक भय समाप्त हो जाएगा, जिससे यह मार्ग अधिक सुरक्षित बन सकेगा।

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