पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं पीटी परीक्षा में धांधली के आरोपों के बीच, कोचिंग संचालक खान सर उर्फ फैजल खान ने महत्वपूर्ण सबूत मिलने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि अब परीक्षा का रद्द होना निश्चित है और हर हाल में पुनर्परीक्षा होगी।

मिले हुए सबूत क्या हैं?

खान सर ने बताया कि वे शुरू से ही BPSC परीक्षा में धांधली के आरोप लगा रहे थे और पुनर्परीक्षा की मांग को लेकर हाईकोर्ट भी गए हैं। हालांकि, सबूत के अभाव में उनकी बात नहीं सुनी जा रही थी। लगभग एक महीने की मेहनत के बाद, उन्होंने महत्वपूर्ण सबूत जुटाए हैं, जिन्हें वे हाईकोर्ट में पेश करेंगे।

धांधली कैसे हुई?

13 दिसंबर को हुई BPSC परीक्षा के लिए आयोग ने तीन सेट में प्रश्नपत्र तैयार किए थे, ताकि किसी एक सेट के लीक होने पर दूसरे सेट का उपयोग किया जा सके। नियमों के अनुसार, उपयोग में नहीं लाए गए दो सेट के प्रश्नपत्रों को प्रत्येक जिले के ट्रेजरी में जमा करना होता है। खान सर ने बिहार के विभिन्न ट्रेजरी में जांच की, जिसमें पाया गया कि नवादा और गया जिलों के ट्रेजरी में ये प्रश्नपत्र जमा नहीं किए गए थे।

खान सर के अनुसार, 4 जनवरी को बापू परीक्षा केंद्र के परीक्षार्थियों की पुनर्परीक्षा में उन्हीं प्रश्नपत्रों का उपयोग किया गया, जो ट्रेजरी में जमा नहीं थे और जिन्हें कबाड़ में बेचा जाना था। इससे परीक्षा में बड़ी हेराफेरी हुई।रिजल्ट में अंतरखान सर ने बताया कि 4 जनवरी की पुनर्परीक्षा में सफलता दर 19% रही, जबकि 13 दिसंबर की परीक्षा में यह मात्र 6% थी। इससे स्पष्ट होता है कि पुनर्परीक्षा में गड़बड़ी हुई है।

परीक्षा रद्द होने की संभावना

खान सर ने कहा कि उन्होंने इस सबूत के साथ कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श किया है। अब, सबूत मिलने के बाद, हाईकोर्ट से परीक्षा रद्द होने की संभावना बढ़ गई है।

BPSC के अधिकारी पर आरोप

खान सर ने BPSC के संयुक्त सचिव कुंदन कुमार पर आरोप लगाया कि वे 10 वर्षों से इस पद पर हैं और छात्र विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि कुंदन कुमार ने सर्वर डाउन होने के कारण 80,000 छात्रों को परीक्षा से बाहर कर दिया, जो आयोग की गड़बड़ी थी।

इन सबूतों के साथ, खान सर अब हाईकोर्ट में परीक्षा रद्द करने की मांग को मजबूत करेंगे।

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