पटना: बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। इसी क्रम में अब सूबे के सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना में भी बदलाव किया गया है। 15 फरवरी से नए नियमों को लागू किया जाएगा। जिला शिक्षा कार्यालय ने स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले मध्याह्न भोजन के मेन्यू में संशोधन किया है, और अब सभी प्रखंड शिक्षा विभागों और स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
शिक्षा विभाग का नया आदेश
शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार, 15 फरवरी से पहले सभी प्राथमिक और मध्य विद्यालयों की दीवारों पर नए मेन्यू का लेखन सुनिश्चित किया जाएगा। इस तारीख से बच्चों को संशोधित मेन्यू के मुताबिक पोषण युक्त भोजन दिया जाएगा। नए मेन्यू में खास तौर पर हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ाने का निर्देश दिया गया है ताकि बच्चों को बेहतर और अधिक पौष्टिक भोजन मिल सके।
नए नियमों का पालन अनिवार्य
इसके अलावा, अब शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार, मध्याह्न भोजन की रिपोर्ट प्रतिदिन जिला शिक्षा कार्यालय को भेजी जाएगी। इस रिपोर्ट पर न केवल स्कूल के प्रधानाध्यापक बल्कि सभी शिक्षकों के हस्ताक्षर भी अनिवार्य होंगे। यदि कोई शिक्षक हस्ताक्षर नहीं करता है, तो उसे अनुपस्थित माना जाएगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि अगर 15 फरवरी से लागू नए मेन्यू में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित प्रधानाध्यापक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नया मेन्यू और बदलाव
उन्होंने यह भी कहा कि मेन्यू को स्कूल की दीवार पर लिखना अनिवार्य होगा, ताकि अभिभावकों और ग्रामीणों को यह जानकारी मिल सके कि बच्चों को प्रतिदिन कौन सा भोजन दिया जा रहा है। इस नए मेन्यू के अनुसार, राज्यभर के प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को अब सप्ताह में एक दिन, शनिवार को खिचड़ी परोसी जाएगी। वहीं, सोमवार और गुरुवार को चावल के साथ तड़का और हरी सब्जी दी जाएगी। शिक्षा विभाग ने 15 फरवरी से लागू होने वाले नए मेन्यू की घोषणा कर दी है।
बच्चों की पसंद और पौष्टिकता का ध्यान
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, लंबे समय से मेन्यू में बदलाव की योजना बन रही थी, जिसमें बच्चों की पसंद और भोजन की पौष्टिकता दोनों को ध्यान में रखा गया। यह योजना राज्यभर के 68,000 स्कूलों में लागू की जाएगी, जहां हर दिन बच्चों को मध्याह्न भोजन योजना के तहत पकाया हुआ भोजन दिया जाता है। सरकारी स्कूलों में लगभग एक करोड़ बच्चे प्रतिदिन इस योजना का लाभ उठाते हैं।
इस बदलाव के साथ शिक्षा विभाग बच्चों को स्वास्थ्यपूर्ण और पौष्टिक आहार देने का प्रयास कर रहा है, ताकि उनकी शारीरिक और मानसिक विकास में मदद मिल सके।
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