केजरीवाल ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार पर कसा तंज, कहा- लोकतंत्र को दांव पर क्यों लगा रहे हैं
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के अंतिम दिन, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भाजपा और मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने राजीव कुमार की कार्यशैली पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने भाजपा के सामने घुटने टेक दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त पर व्यक्तिगत स्वार्थ और लालच के कारण देश के लोकतंत्र को खतरे में डालने का आरोप लगाया।
मुख्य चुनाव आयुक्त पर हमला: लोकतंत्र की कीमत पर लालच का आरोप
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान की कुर्बानी इसलिए दी थी ताकि इस देश में जनतंत्र कायम हो और लोगों को सरकार चुनने की स्वतंत्रता मिल सके। लेकिन, उन्होंने आरोप लगाया कि जिस तरह से चुनाव आयोग ने भाजपा के सामने अपनी स्थिति कमजोर की है, वह दर्शाता है कि चुनाव आयोग का कोई अस्तित्व नहीं रह गया है।
केजरीवाल ने यह भी सवाल उठाया कि मुख्य चुनाव आयुक्त को रिटायरमेंट के बाद किस पद का प्रस्ताव दिया गया है, जिसके लिए वह भारतीय लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं। उन्होंने कहा, “क्या यह पद गवर्नर का है या राष्ट्रपति का? क्या वह किसी पद के लालच में देश के लोकतंत्र को दांव पर लगा रहे हैं?” केजरीवाल का यह बयान इस आशंका को जन्म देता है कि चुनाव आयोग ने अपने कर्तव्यों से समझौता किया है और अब वह सत्ता के केंद्रों से फायदे के लिए काम कर रहा है।
केजरीवाल की अदालत में जाने की धमकी: लोकतंत्र की रक्षा के लिए कोई भी कदम उठाने का संकल्प
केजरीवाल ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “यदि देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए मुझे अदालत तक जाना पड़ा, तो मैं पीछे नहीं हटूंगा।” उन्होंने यह भी कहा कि वह राजीव कुमार से हाथ जोड़कर अपील करते हैं कि वे अपने पद का लालच छोड़कर अपनी ड्यूटी निभाएं। उन्होंने कहा, “आपने 40-45 साल तक नौकरी की है, अब देश को गिरवी न रखें। देश को अपना लोकतंत्र बचाने के लिए अपने स्वार्थों को छोड़ देना चाहिए।”
केजरीवाल का यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि वे किसी भी स्थिति में लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करने के लिए तैयार हैं और इसके लिए किसी भी प्रकार के कानूनी उपायों का सहारा लेने से भी हिचकिचाएंगे नहीं।
चुनाव आयोग का जवाब: पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाया
अरविंद केजरीवाल ने 1 फरवरी को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है। इसके बाद, 2 फरवरी को चुनाव आयोग ने जवाब देते हुए कहा कि किसी भी मामले में पुलिस से कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है, इसीलिए पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
इस जवाब पर केजरीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा, “जब पुलिस के सामने घटना घट रही हो, तो उस समय शिकायत देने की क्या जरूरत है? क्या पुलिस तब भी काम करेगी जब उसके सामने कोई हत्या हो रही हो?” उनका यह बयान यह दर्शाता है कि वे पुलिस की निष्क्रियता और चुनाव आयोग की अनदेखी के खिलाफ सख्त कदम उठाने के पक्ष में हैं।
पुलिस की भूमिका पर सवाल: कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के साथ हिंसा की घटनाएं
केजरीवाल ने इस दौरान यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के साथ मारपीट की जा रही है, और पुलिस खड़े होकर यह सब देख रही है। उन्होंने कहा, “पुलिसकर्मी यह कहते हैं कि ऊपर से आदेश हैं, इसीलिए वे कुछ नहीं कर सकते।”
केजरीवाल ने सवाल किया कि यह कौन लोग हैं जो पुलिस को आदेश दे रहे हैं और इन घटनाओं को अनदेखा कर रहे हैं। “कौन है जो पूरे देश में गुंडागर्दी चला रहा है?” उन्होंने कहा कि चुनाव में जनता इन लोगों को सबक सिखाएगी। उनका यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि वे न केवल चुनाव आयोग और पुलिस की निष्क्रियता से नाराज हैं, बल्कि वे यह चाहते हैं कि जनता इन मुद्दों का हल चुनाव के दौरान खुद निकालें।
चुनाव आयोग की निष्क्रियता और पुलिस के रवैये को लेकर केजरीवाल का आरोप
केजरीवाल ने एक और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की घटनाएं सामने आ रही हैं और पुलिस बिल्कुल भी सक्रिय नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी अपने उच्च अधिकारियों के आदेशों के तहत कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। उनका यह भी कहना था कि चुनाव आयोग की जवाबदेही भी अब संदेहास्पद हो गई है, क्योंकि आयोग ने उन घटनाओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिन्हें उन्होंने पहले रिपोर्ट किया था।
जनता का फैसला: आगामी चुनाव में मतदान से मिलेगा उत्तर
केजरीवाल ने इस पूरे विवाद के बीच यह कहा कि इस चुनाव में अंततः दिल्ली की जनता ही निर्णय करेगी। वह आश्वस्त हैं कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक पूरी तरह से एकजुट हैं और यह चुनाव भाजपा और चुनाव आयोग के खिलाफ एक स्पष्ट संदेश भेजेगा। उनका यह कहना था कि जनता ही चुनाव के बाद यह तय करेगी कि उन्हें ऐसे तानाशाही और अन्यायपूर्ण रवैये के खिलाफ किसे चुनना चाहिए।
चुनाव आयोग पर उठाए गए सवाल: लोकतंत्र को बचाने की जिम्मेदारी
अरविंद केजरीवाल ने मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ आरोप लगाते हुए यह कहा कि यह पूरी स्थिति लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। उनका कहना था कि चुनाव आयोग को निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए, लेकिन जिस तरह से भाजपा के सामने चुनाव आयोग ने अपने कर्तव्यों से समझौता किया है, वह बेहद चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के इस रवैये के कारण लोकतंत्र और चुनाव प्रक्रिया की स्वतंत्रता को खतरा हो सकता है, और यही कारण है कि उन्हें इस मामले में अदालत में जाने का विचार करना पड़ सकता है।
ALSO READ