रांची: शहरी नगर निकाय चुनाव को लेकर ओबीसी ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं। राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने पिछड़ा वर्ग आयोग से शिकायत करते हुए कहा कि ओबीसी सर्वे की प्रक्रिया में झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। मोर्चा ने आयोग से सभी जिलों को आवश्यक निर्देश देने की मांग की है।
पिछड़ा आयोग को शिकायत
राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के सदस्य बुधवार, 29 जनवरी को प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता के नेतृत्व में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने नोडल पदाधिकारी संजय कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपा, जिसमें झारखंड उच्च न्यायालय के आदेशानुसार डोर-टू-डोर सर्वे करने की मांग की गई।
ट्रिपल टेस्ट सर्वे में अनियमितता
इस दौरान, ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि शहरी नगर निकाय क्षेत्र में ओबीसी के आरक्षण हेतु ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया में कई अनियमितताएं सामने आई हैं। इन अनियमितताओं के कारण सही डाटा प्राप्त नहीं हो पा रहा है। गुप्ता ने बताया कि सर्वे करने वाले कर्मी घर-घर जाकर सर्वे नहीं कर रहे, बल्कि मोबाइल से कॉल करके केवल जाति पूछ रहे हैं। इसमें कोई काउंटर क्वेश्चन नहीं किया जा रहा है।
सर्वे में अन्य वर्गों का समावेश
गुप्ता ने यह भी आरोप लगाया कि न्यायालय के निर्देशानुसार ट्रिपल टेस्ट ओबीसी समुदाय के लिए किया जाना चाहिए था, लेकिन सर्वे के प्रारूप में अन्य वर्गों को भी शामिल किया गया है। इस वजह से डाटा सही नहीं मिल पा रहा है।
सही डाटा के लिए डोर-टू-डोर सर्वे जरूरी
प्रदेश महासचिव आजम अहमद ने भी कहा कि ओबीसी का सही सर्वे करने के लिए घर-घर जाकर सर्वे किया जाना चाहिए, ताकि सही डाटा जुटाया जा सके। अन्यथा, ओबीसी समुदाय का हक मारा जा सकता है और चुनाव में ओबीसी के अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है।
आयोग ने शिकायतों को गंभीरता से लिया
ओबीसी ट्रिपल टेस्ट कराने में जुटे पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी स्वीकार किया है कि कुछ बड़े शहरों से शिकायतें आई हैं। आयोग इस पर गंभीर है और मोर्चा द्वारा दी गई शिकायत पर कार्रवाई करेगा। नोडल पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने कहा कि इस शिकायत पर कदम उठाया जाएगा और जांच के बाद सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो।
सर्वे का काम 5 फरवरी तक पूरा करना है
ज्ञात हो कि राज्य के शहरी क्षेत्रों में ओबीसी सर्वे का काम अंतिम चरण में है। 5 फरवरी तक सभी जिलों को सर्वे का काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। जिलों से रिपोर्ट मिलने के बाद पिछड़ा वर्ग आयोग की टीम इसकी जांच के लिए दौरा करेगी।
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