पटना: बिहार में भूमि सर्वेक्षण का काम बड़े पैमाने पर चल रहा है, और इसके लिए बड़ी संख्या में सर्वेक्षण कर्मियों को नियोजित किया गया है। लेकिन अब एक नई समस्या सामने आई है, जिसके तहत बड़ी संख्या में भूमि सर्वेक्षण कर्मी अपनी नौकरी छोड़कर भाग रहे हैं। हाल ही में 10 कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया है, जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं। भू-अभिलेख और परिमाप निदेशक जे. प्रियदर्शिनी ने कहा है कि यदि इन कर्मियों के शैक्षणिक प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

बेगूसराय के सात कर्मियों ने दिया इस्तीफा

बेगूसराय के बंदोबस्त कार्यालय में तैनात सात विशेष सर्वेक्षण अमीन और लिपिक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राजस्व और भूमि सुधार विभाग के भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने इन इस्तीफों को स्वीकृत कर लिया है। विभाग द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि कर्मियों का इस्तीफा विश्वविद्यालय या अन्य संस्थानों से प्राप्त शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन पर निर्भर करेगा। अगर प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस्तीफा देने वाले कर्मी

बेगूसराय के जिन विशेष सर्वेक्षण अमीन और लिपिक ने इस्तीफा दिया है, उनमें मोनिका तिवारी, प्रिंसी विश्वकर्मा, काजल द्विवेदी, दीपक कुमार आर्य, खुशबू कुशवाहा, मनीषा कुमारी और संतोष कुमार शामिल हैं। इसके अलावा, कटिहार के बंदोबस्त कार्यालय के मोहम्मद ग़ालिब अंसारी, जो कानूनगो पद पर तैनात थे, का इस्तीफा भी स्वीकृत किया गया है। वहीं, शेखपुरा के बंदोबस्त कार्यालय से दो विशेष सर्वेक्षण अमीन, मधु शुक्ला और खुशबू राजभर ने भी इस्तीफा दे दिया है।

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