पटना: बिहार में हाल ही में राजद ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के एक वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसमें उन्होंने भाजपा को ‘दोगले भाजपाईयों’ कहा था। यह बयान राज्य के सत्ताधारी दलों जदयू और भाजपा के लिए विवाद का कारण बन गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने इसे राजद की पुरानी संस्कृति बताया, जबकि भाजपा ने तेजस्वी को एक “भाषाई लंपटिकारण” का प्रतीक करार दिया।
राजद ने तेजस्वी यादव के संवाद यात्रा के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए भाजपा और एनडीए पर निशाना साधा। इस वीडियो के साथ राजद के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया गया था, “दोगले भाजपाईयों को बिहारियों की इतनी चिंता हो रही है तो बिहार को ‘विशेष राज्य’ का दर्जा क्यों नहीं दे देते?”
जदयू प्रवक्ता ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस ट्वीट पर राजद की तीखी आलोचना की। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या राजद के आधिकारिक हैंडल से यह ट्वीट पार्टी नेतृत्व की मंजूरी से किया गया था। नीरज कुमार ने कहा कि क्या राजद के आंतरिक मामलों में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है और यह पार्टी की पुरानी संस्कृति का हिस्सा है, जिसे वे अभी तक नहीं छोड़ पाए हैं।
भाषाई विवाद पर भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा के प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने राजद के ट्वीट पर आपत्ति जताते हुए कहा कि राजद की पुरानी छवि अब “भाषाई लंपटिकारण” के रूप में सामने आ रही है। उन्होंने तेजस्वी यादव को आलोचना करते हुए कहा कि वे अपने पिता लालू यादव के नक्शे कदम पर चल रहे हैं, जिन्होंने राजनीति में जोकर की भूमिका अदा की थी।
संस्कार और शब्दों की मर्यादा पर दिए सुझाव
भाजपा के अरविंद कुमार ने तेजस्वी यादव से संस्कार और शब्दों की मर्यादा रखने की सलाह दी। उन्होंने यह भी पूछा कि जब लालू यादव सत्ता में थे, तब बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिलवाया। इसके साथ ही उन्होंने तेजस्वी पर बिहार विरोधी रुख अपनाने वाले अरविंद केजरीवाल के साथ समर्थन करने का आरोप लगाया।
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