पटना: बिहार में रविवार को निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के आह्वान पर बिहार बंद किया गया है। पप्पू यादव के समर्थक राजधानी पटना की सड़कों पर भारत बंद के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान पटना के डाकबंगला चौराहे पर खुद पप्पू यादव बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांग को लेकर भाषण दे रहे थे। इसी बीच पुलिस ने उनके समर्थकों को उठाकर हिरासत में ले लिया। कुछ समर्थक पुलिस के साथ झड़प कर रहे थे, जिन्हें पुलिस ने पकड़कर गाड़ी में भर लिया।
बिहार बंद के नाम पर हिंसा और तोड़फोड़
बिहार बंद के दौरान पप्पू यादव के समर्थक पटना में जमकर हिंसा और तोड़फोड़ कर रहे थे। उन्होंने वाहनों के शीशे तोड़े और जबरन दुकानों के शटर बंद कराए। पप्पू समर्थक अशोक राजपथ पर स्थित दुकानों को बंद कराने के लिए लाठी-डंडों से लैस होकर बवाल मचाते नजर आए। पूरे शहर में आतंक फैलाते हुए उन्होंने बंद के नाम पर हिंसक व्यवहार किया।
बीपीएससी में अनियमितता पर पप्पू यादव ने बुलाया बंद
पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने बिहार बंद का आह्वान किया था। उनका आरोप था कि 70वीं बीपीएससी में अनियमितताएं हुई हैं। एक दिन पहले ही पप्पू यादव ने यह कहा था कि बंद शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन रविवार को उनके समर्थकों का उत्पात चरम पर पहुंच गया। बंद के दौरान पप्पू समर्थकों ने हिंसा की, जिसमें आम लोगों को दुकानों के शटर बंद करने के लिए दबाव डाला और वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया।
पटना में उत्पात और सड़क जाम की स्थिति
पप्पू यादव के समर्थक पटना सायंस कॉलेज से अशोक राजपथ होते हुए पटना कारगिल चौक की ओर बढ़े, जहां उन्होंने जमकर उत्पात मचाया। लाठी-डंडे और बैनर-पोस्टर लेकर प्रदर्शन करते हुए उग्र भीड़ ने दुकानों के शटर बंद कराए और सड़क पर गुजर रहे वाहनों के शीशे फोड़ दिए। इस दौरान प्रदर्शनकारी वाहनों को घेरकर हिंसा करने में भी संलग्न थे। बंद के दौरान अशोक राजपथ पर सड़क जाम कर दी गई, जिससे यातायात में भारी रुकावट आई।
बिहार बंद का समर्थन और उद्देश्य
इस बंद का समर्थन भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी किया। पप्पू यादव ने इस बंद को बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को दोबारा करवाने की मांग के लिए बुलाया था। उनका कहना था कि यह सिर्फ बीपीएससी का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह पूरे देश में प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक की समस्या से संबंधित है। पप्पू यादव ने कोचिंग माफिया और राजनीतिक दलों को इस समस्या के लिए जिम्मेदार ठहराया।
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