पटना: राजद प्रमुख लालू यादव के करीबी सहयोगी आलोक मेहता की परेशानी कम होती हुई नजर नहीं आ रही है। इसका कारण यह है कि वैशाली शहरी विकास को-ऑपरेटिव बैंक के 100 करोड़ के घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके ससुर और दामाद को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटनाक्रम के बाद अब यह चर्चा हो रही है कि राजद विधायक आलोक मेहता पर भी कार्रवाई हो सकती है।

ईडी ने की बड़ी कार्रवाई

वैशाली शहरी विकास को-ऑपरेटिव बैंक के 100 करोड़ रुपये के घोटाले में ईडी ने अब तक बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने वाराणसी में छापेमारी कर बैंक के सीईओ विपिन तिवारी, उनके ससुर रामबाबू शांडिल्य (गाजीपुर, यूपी), नितिन मेहरा (दिल्ली), और संदीप सिंह (कोलकाता) को गिरफ्तार किया है। इनके अलावा पंकज तिवारी को भी गिरफ्तार किया गया है।

गिरफ्तारी और पूछताछ जारी

ईडी ने शनिवार को नितिन मेहरा, रामबाबू शांडिल्य और पंकज तिवारी को अदालत में पेश किया, जहां उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वहीं, संदीप सिंह और विपिन तिवारी से अभी ईडी पूछताछ कर रही है। इन दोनों को शनिवार देर शाम गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा, जांच एजेंसी बैंक के अध्यक्ष संजीव कुमार को भी गिरफ्तार करने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।

ससुर पर भी गंभीर आरोप

गौरतलब है कि बैंक के सीईओ विपिन तिवारी के ससुर रामबाबू शांडिल्य पर पूर्वांचल सहकारी बैंक में 30 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप पहले से ही है। इससे पहले राजद विधायक आलोक मेहता और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर पटना, वाराणसी, दिल्ली, कोलकाता और अन्य स्थानों में 19 जगहों पर छापेमारी की गई थी।

बैंक की स्थापना और पूर्व विवाद

वैशाली शहरी विकास को-ऑपरेटिव बैंक की स्थापना 35 साल पहले राजद विधायक आलोक मेहता के पिता स्व. तुलसीदास मेहता ने की थी। आलोक मेहता 1995 से 2012 तक बैंक के चेयरमैन रहे। 2015 में गबन के आरोपों के बाद आरबीआई ने बैंक का वित्तीय कारोबार बंद कर दिया था। जून 2023 में बैंक में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ, जिसके बाद आरबीआई की रिपोर्ट पर हाजीपुर में तीन एफआईआर दर्ज की गईं और ईडी ने मामले की जांच शुरू की।

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