नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी सहित कई प्रमुख नेता उपस्थित थे। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने प्रवासियों के भारत से जुड़ाव पर जोर दिया।
प्रवासी भारतीयों की उपस्थिति से उत्साह में इजाफा
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में प्रवासियों की उपस्थिति के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि विशेष अवसरों और त्योहारों में उनकी मौजूदगी से खुशी और उल्लास का माहौल बनता है। यह जुड़ाव प्रवासियों के रिश्ते को और भी गहरा करता है। प्रधानमंत्री ने बताया कि बहुत जल्द प्रयागराज में महाकुंभ होगा और मकर संक्रांति, माघ बिहू जैसे त्योहार भी आने वाले हैं। ऐसे समय में प्रवासी भारतीयों का भारत में होना उत्सव की भावना को और बढ़ा देता है।
महात्मा गांधी का संदर्भ
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि इसी समय, 1915 में महात्मा गांधी विदेश से भारत लौटे थे। उन्होंने प्रवासी भारतीयों के योगदान की सराहना की और उनके भारत लौटने को एक ऐतिहासिक पल बताया। प्रधानमंत्री ने बताया कि संकट के समय में प्रवासियों की मदद करना सरकार की जिम्मेदारी है और इसे प्राथमिकता दी जाती है।
सरकार की प्रवासी भारतीयों के लिए प्रतिबद्धता
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार प्रवासियों की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार की यह जिम्मेदारी है कि संकट के समय में प्रवासी भारतीयों की मदद की जाए। उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति में यह एक प्रमुख सिद्धांत बन चुका है। पिछले दशक में भारतीय दूतावास और कार्यालयों ने संवेदनशीलता और सक्रियता से काम किया है।
दूतावासों के सुधार
प्रधानमंत्री ने पहले के समय का उल्लेख करते हुए बताया कि पहले विदेशों में भारतीयों को दूतावास की मदद पाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी और कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता था। अब इन समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। पिछले दो वर्षों में ही 14 नए दूतावास और वाणिज्य दूतावास खोले गए हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान का उल्लेख
प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस का विशेष महत्व है, क्योंकि हम अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के बाद एकत्र हुए हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि प्रवासी भारतीयों के साथ संबंधों को मजबूत करने में उनकी दूरदर्शिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर
प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर किया। उन्होंने राज्य के उदयगिरि, कोणार्क और ताम्रलिप्ति जैसे महत्वपूर्ण स्थलों का उल्लेख किया और बताया कि ओडिशा अपनी कला, संस्कृति और परंपरा के माध्यम से भारत की धरोहर को दर्शाता है। उन्होंने ओडिशा के तटों से लेकर बाली, सुमात्रा और जावा तक भारतीय व्यापारियों के प्राचीन संबंधों को भी रेखांकित किया।