बेंगलुरु: बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या मामले में एक नया अपडेट सामने आया है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया और अन्य आरोपियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दर्ज शिकायत को खारिज करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 21 जनवरी तक स्थगित कर दी है।

अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके परिवार के अन्य सदस्य, जिनमें सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया और सुशील सिंघानिया शामिल हैं, के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। हाई कोर्ट ने यह साफ किया कि याचिका पर विचार करने के बाद मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने वाले तत्व पाए गए हैं, और इसलिए शिकायत खारिज नहीं की जा सकती।

कोर्ट ने कहा, शिकायत में स्पष्ट हैं उकसाने के तत्व

जस्टिस एसआर कृष्ण कुमार की सिंगल बेंच ने अतुल सुभाष की पत्नी और उनके परिवार के अन्य सदस्यों की याचिका पर सुनवाई की। याचिका में इस एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसमें आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप था। सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों को जमानत दी है और आत्महत्या के लिए उकसाने का कोई ठोस सबूत नहीं है। उन्होंने अनुरोध किया कि इस मामले को खारिज किया जाए।

कोर्ट ने एफआईआर की जांच पर जोर दिया

कोर्ट ने इस मामले में सरकारी वकील से सवाल करते हुए कहा, “एफआईआर में आत्महत्या के लिए उकसाने के तत्व स्पष्ट रूप से दर्ज हैं।” बेंच ने आगे पूछा कि क्या कोई जांच चल रही है और क्या इस संबंध में कोई दस्तावेज या सबूत एकत्र किए गए हैं। सरकारी वकील ने बताया कि जांच जारी है और दस्तावेज एकत्र किए जा रहे हैं।कोर्ट ने निर्देश दिया कि जांच के दौरान एकत्र किए गए सभी दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत किए जाएं। इसके साथ ही, याचिकाकर्ताओं के आपत्तियां भी दर्ज की जाएं और सुनवाई को स्थगित कर दिया गया।

अतुल सुभाष का आत्महत्या नोट और वीडियो

पिछले महीने, 34 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने एक लंबा सुसाइड नोट और वीडियो छोड़ा था, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके परिवार पर आरोप लगाया था कि वे झूठे मामले दर्ज करा रहे थे और उन्हें मानसिक रूप से परेशान कर रहे थे। इस मामले में बेंगलुरु सेशन कोर्ट ने पिछले शनिवार को निकिता, निशा, और अनुराग सिंघानिया को जमानत दे दी थी।

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