रांची/झारखंड: मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। इस बार जनवरी माह में लाभुकों को 2500 रुपये की जगह 5000 रुपये दिए जाएंगे। यह राशि करीब 56 लाख महिलाओं के खातों में ट्रांसफर की जाएगी, और यह राशि दो किस्तों में वितरित की जाएगी।
6 जनवरी को होगा मंईयां सम्मान समारोह
दिसंबर माह में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, 6 जनवरी को नामकुम के खोजाटोली में मंईयां सम्मान समारोह आयोजित होगा। इस दिन पहली किस्त की राशि ट्रांसफर की जाएगी। वहीं, 11 जनवरी को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत दूसरी किस्त जारी की जाएगी। इस प्रकार, लाभुकों के खातों में 6 जनवरी को 2500 रुपये और 11 जनवरी को 2500 रुपये ट्रांसफर किए जा सकते हैं। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के विश्वसनीय सूत्रों ने इस जानकारी की पुष्टि की है।
कार्यक्रम स्थगित होने का कारण
दरअसल, 28 दिसंबर को मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभुकों को 2500 रुपये की पहली किस्त जारी की जानी थी, और इसके लिए नामकुम में कार्यक्रम की तैयारी की गई थी। लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के कारण राजकीय शोक घोषित होने के बाद यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था। उस दिन रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने ईटीवी भारत को बताया था कि जल्द ही कार्यक्रम की अगली तारीख तय की जाएगी।
लाभुकों के खाते में पहले ही ट्रांसफर हुई थी राशि
28 दिसंबर को प्रस्तावित कार्यक्रम के मद्देनजर, कुछ लाभुकों को पहले ही 2500 रुपये की राशि ट्रांसफर कर दी गई थी। बाकी लाभुकों के खाते में राशि सीएम हेमंत सोरेन द्वारा बटन दबाए जाने के बाद ट्रांसफर की जानी थी। हालांकि, अधिकांश महिलाओं के खाते में राशि ट्रांसफर नहीं हो पाई, जिससे कंफ्यूजन पैदा हुआ था। इसी वजह से 6 जनवरी को मंईयां सम्मान योजना का कार्यक्रम रखा गया है, जिसमें पूरे राज्य से करीब 3 लाख लाभुक महिलाओं के शामिल होने की संभावना है।
राजनीतिक विवाद के बीच बढ़ी राशि
आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान मंईयां सम्मान योजना को लेकर राजनीति भी काफी गरमाई थी। पहले इस योजना के तहत लाभुकों को 1000 रुपये प्रति माह दिए जा रहे थे। लेकिन बीजेपी ने अपनी सरकार बनने पर गोगो-दीदी योजना के तहत 2100 रुपये प्रति माह देने की घोषणा की थी। इसके जवाब में हेमंत सरकार ने मंईयां सम्मान योजना में राशि को बढ़ाकर 1000 रुपये से 2500 रुपये प्रति माह करने का निर्णय लिया था।