नई दिल्ली: लवली खातून, जो पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के हरिश्चंद्रपुर ब्लॉक 1 के रशीदाबाद पंचायत की प्रधान हैं, पर बांग्लादेशी नागरिक होने का आरोप लगा है। उन पर यह आरोप है कि उन्होंने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके भारतीय नागरिकता प्राप्त की। यह मामला तब सामने आया जब स्थानीय लोगों ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उनके जाति प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों को फर्जी बताया गया।

विवादित पहचान और आरोप

पश्चिम बंगाल के राशीदाबाद ग्राम पंचायत की प्रधान लवली खातून की पहचान को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। आरोपों के मुताबिक, लवली बांग्लादेशी नागरिक हैं और अवैध रूप से भारत में घुसी हैं। इन आरोपों के संबंध में उनकी राजनीतिक पार्टी, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), भी अब सक्रिय हो गई है और मामले की जांच शुरू कर दी है। इस बीच, कलकत्ता हाईकोर्ट ने इन आरोपों पर एक रिपोर्ट भी मांगी है।

लवली खातून का असली नाम और पहचान

लवली का वास्तविक नाम नासिया शेख है। रिपोर्ट के अनुसार, वह बिना पासपोर्ट के भारत आईं थीं और यहां उन्होंने अपनी पुरानी पहचान को पूरी तरह से समाप्त कर दिया। कहा जाता है कि उन्होंने अपने पिता का नाम बदलकर शेख मुस्तफा रख लिया, जो दस्तावेजों में दर्ज है। लवली को 2015 में मतदाता पहचान पत्र प्राप्त हुआ और 2018 में जन्म प्रमाण पत्र मिला। हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक, उनके पिता का असली नाम जमील बिस्वास था।

सुलह की कोशिश और कोर्ट में याचिका

लवली खातून के खिलाफ उच्च न्यायालय में चंचल निवासी रेहाना सुल्ताना ने याचिका दायर की थी। रेहाना ने वर्ष 2022 में लवली के खिलाफ ग्राम पंचायत चुनाव में भाग लिया था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। रेहाना की वकील अमलान भादुड़ी ने कहा कि रेहाना सुल्ताना ने तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन लवली ने कांग्रेस और वामपंथी गठबंधन से चुनाव लड़ा था और जीतने के बाद टीएमसी में शामिल हो गईं। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि लवली बांग्लादेशी अप्रवासी हैं और उनके नाम पर जारी आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र फर्जी दस्तावेजों पर आधारित हैं।

स्थानीय पुलिस से कार्रवाई की मांग

भादुड़ी ने कहा कि वे स्थानीय पुलिस स्टेशन और प्रशासन से इस मामले में कार्रवाई की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अंततः, उन्होंने 2024 में कलकत्ता हाईकोर्ट का सहारा लिया।

फर्जी दस्तावेजों का आरोप

भादुड़ी ने यह भी आरोप लगाया कि लवली खातून ने चुनाव में अपनी योग्यता साबित करने के लिए आधार कार्ड, वोटर कार्ड और ओबीसी श्रेणी से संबंधित नकली दस्तावेज तैयार कराए। उन्होंने यह भी बताया कि स्थानीय निवासियों से जानकारी मिली है कि लवली पड़ोसी गांव में गईं थीं और एक व्यक्ति से अनुरोध किया था कि वह उनके पिता के रूप में प्रस्तुत हो। इस तरह की जानकारी सामने आई है कि लवली के पिता का नाम शेख मुस्तफा नहीं था, बल्कि उनका असली नाम जमील बिस्वास था। यहां तक कि एनपीआर में भी शेख मुस्तफा के परिवार में लवली का कोई उल्लेख नहीं है।

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