पटना: बिहार भाजपा ने 24 दिसंबर को बरबीघा के एक व्यक्ति को अपनी पार्टी में शामिल किया है। पार्टी कार्यालय में आयोजित एक मिलन समारोह में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने कुणाल किशोर को पार्टी की सदस्यता दिलाई। हालांकि, पार्टी ने जिस व्यक्ति को शामिल किया है, उसके खिलाफ एक स्थानीय पत्रकार के अपहरण और जान से मारने की धमकी देने के गंभीर आरोप हैं। जिला अदालत ने आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन पटना हाईकोर्ट ने आरोपी कुणाल किशोर को राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा पत्रकार अपहरण और धमकी के आरोपी को पार्टी में शामिल करने को लेकर अलग-अलग चर्चाएँ शुरू हो गई हैं। भाजपा की कथनी और करनी में अंतर होने की बातें सामने आ रही हैं।
क्या है पूरा मामला?
शेखपुरा जिले के बरबीघा में एक न्यूज़ पोर्टल चलाने वाले पत्रकार निशिकांत कुमार का 25 फरवरी 2023 को अपहरण कर लिया गया था। आरोप है कि कुणाल किशोर और उनके अन्य साथियों ने हथियार के बल पर उनका अपहरण किया और जान से मारने की धमकी दी। निशिकांत ने बरबीघा थाने में इस मामले में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कुणाल किशोर और अन्य आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। पीड़ित ने बताया कि अपहरण के दौरान इन लोगों ने उसे चिमनी भट्ठा में डालने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस की सक्रियता के कारण आरोपी मौके से फरार हो गए। जाते-जाते आरोपियों ने पीड़ित को धमकी दी कि अगर उसने केस किया तो उसे जान से मार देंगे। साथ ही, आरोपी ने दो चक्र गोलियां भी चलाईं। इससे पहले, 16 जनवरी 2023 को भी इन लोगों ने निशिकांत को जान से मारने की धमकी दी थी, जिसकी शिकायत पुलिस से की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
हाईकोर्ट से राहत पाते ही आरोपी नेता भाजपा में शामिल
इस मामले के बाद पीड़ित ने बरबीघा पुलिस स्टेशन में धारा 147, 148, 149, 341, 323, 364, 307, 379, 504, 506 और आर्म्स एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई। इसके बाद आरोपी फरार हो गए थे। लेकिन आरोपी कुणाल किशोर की अग्रिम जमानत याचिका को शेखपुरा जिला अदालत ने 28 मार्च 2023 को खारिज कर दिया था। इसके बाद, कुणाल किशोर ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और वहां से तात्कालिक राहत प्राप्त की, जिससे उनकी गिरफ्तारी पर रोक लग गई। भाजपा में शामिल होने के बाद जब कुणाल किशोर से इस मामले पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।
भाजपा की सदस्यता से उठे सवाल
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा पत्रकार के अपहरण और धमकी के आरोपी को पार्टी में शामिल करने पर अब राजनीतिक चर्चाएँ तेज हो गई हैं। पार्टी की कथनी और करनी में भेद की बातें की जा रही हैं, खासकर तब जब भाजपा खुद को एक नैतिक पार्टी के रूप में प्रस्तुत करती है। यह कदम भाजपा की छवि पर सवाल खड़े कर रहा है, जो इसे सशक्त और भ्रष्टाचार मुक्त पार्टी के रूप में पेश करती रही है।