रांची/झारखंड: 2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी जीत के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। बीजेपी उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है जहां 2019 में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। इनमें से एक प्रमुख क्षेत्र है संथाल प्रमंडल, जिसमें कुल 18 विधानसभा सीटें हैं। इस क्षेत्र में दूसरे चरण में 20 नवंबर को मतदान होना है।
2019 में संथाल में बीजेपी का प्रदर्शन
2019 के विधानसभा चुनाव में संथाल प्रमंडल की 18 सीटों में से बीजेपी सिर्फ 4 सीटें ही जीत पाई थी। हालांकि, इस बार बीजेपी की योजना इन सीटों की संख्या बढ़ाने की है। इसके लिए उन्होंने इस इलाके में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इस क्षेत्र में पीएम मोदी, योगी आदित्यनाथ, हिमंता बिस्वा सरमा और मिथुन चक्रवर्ती जैसे स्टार प्रचारक चुनावी सभाओं को संबोधित कर रहे हैं और स्थानीय लोगों को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। यह क्षेत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां से वर्तमान मुख्यमंत्री और कई मंत्री भी विधानसभा पहुंचे हैं।
संथाल: झामुमो का गढ़
संथाल प्रमंडल को झामुमो का गढ़ माना जाता है। यहां कुल 18 सीटों में से 8 सीटें आरक्षित श्रेणी में आती हैं—7 सीटें अनुसूचित जनजाति (ST) और 1 सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है। इनमें दुमका, जामा, शिकारीपाड़ा, महेशपुर, बोरियो, बरहेट और लिट्टीपाड़ा सीटें ST के लिए हैं, जबकि देवघर SC के लिए आरक्षित है। इसके अलावा, यहां 10 सामान्य सीटें भी हैं।
बीजेपी का आदिवासी वोटरों को साधने का प्रयास
झामुमो की इस मजबूत स्थिति को चुनौती देने के लिए बीजेपी ने आदिवासी मुद्दों को जोर-शोर से उठाया है। बीजेपी आदिवासी अस्मिता को खतरे में डालने वाले बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उठा रही है। बीजेपी का कहना है कि संथाल क्षेत्र में सबसे ज्यादा घुसपैठ हो रही है, और इसके चलते आदिवासी समुदाय की पहचान को संकट का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी भी अपने भाषणों में यह दावा कर चुके हैं कि बांग्लादेशी घुसपैठिए आदिवासी लड़कियों को फुसलाकर उनसे विवाह कर लेते हैं और फिर उनकी जमीनों पर कब्जा कर लेते हैं।
बीजेपी के संथाल में चुनावी प्रयास
बीजेपी का लक्ष्य 2019 की तुलना में इस बार संथाल में अधिक से अधिक सीटें जीतना है। 2009 में एनडीए को इस क्षेत्र में केवल 2 सीटें मिली थीं, जबकि 2014 में यह संख्या बढ़कर 7 हो गई थी। हालांकि, 2019 में बीजेपी को केवल 4 सीटें मिलीं। इस बार बीजेपी को उम्मीद है कि वह संथाल क्षेत्र में ज्यादा सीटें जीत सकती है, ताकि राज्य की सत्ता पर उसकी पकड़ मजबूत हो सके। इसके लिए बीजेपी ने मजबूत उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जैसे कि सीता सोरेन, जो पहले झामुमो में थीं, अब जामताड़ा सीट से इरफान अंसारी को चुनौती दे रही हैं। वहीं, दुमका से पूर्व सांसद सुनील सोरेन, जो हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन को चुनौती दे रहे हैं, मैदान में हैं।

































