नई दिल्ली: कोडरमा विधानसभा चुनाव अब और भी रोमांचक हो गया है। इंडी गठबंधन के समर्थित राजद उम्मीदवार सुभाष यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सुभाष यादव को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत प्रदान की है। सुभाष यादव ने अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के दौरान मिली अंतरिम जमानत का उदाहरण देते हुए राहत की अपील की थी। इसके परिणामस्वरूप, प्रवर्तन निदेशालय (ED) के विरोध के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने सुभाष यादव को विधानसभा चुनाव तक बाहर रहने की अनुमति दी।

एस.वी. राजू ने याचिका का तीव्र विरोध करते हुए कहा

ED की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस.वी. राजू ने याचिका का तीव्र विरोध करते हुए कहा कि PMLA एक्ट की धारा 45 के तहत इस प्रकार की जमानत का कोई प्रावधान नहीं है। एस.वी. राजू ने यह भी कहा कि लोग जेल में रहकर भी चुनाव लड़ते रहे हैं, और प्रचार करना जरूरी नहीं है। लोग जेल में रहते हुए भी जीत सकते हैं। इसके जवाब में, सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच, जिसमें जस्टिस सूर्य कांत, दीपांकर दत्ता और उज्ज्वल भुइयां शामिल थे, ने कहा कि सुभाष यादव की नियमित जमानत याचिका उच्च न्यायालय में लंबित है, इस कारण कोर्ट ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। बेंच ने कहा कि सुभाष यादव को अंतरिम जमानत दी जा रही है, ताकि वह चुनाव प्रचार कर सकें।

13 नवंबर को कोडरमा मतदान

कोडरमा में 13 नवंबर को मतदान होना है, और सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुभाष यादव को 14 नवंबर को शाम 5 बजे तक आत्मसमर्पण कर वापस जेल लौटना होगा। सुभाष यादव अवैध रेत खनन मामले में आरोपी हैं, और ED ने उनके खिलाफ PMLA एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। उन्हें इस साल 9 मार्च को ED ने गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल पटना के बेऊर जेल में बंद हैं। उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए पटना हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत की मांग की थी, लेकिन हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। राहत मिलने के बाद, राजद जिलाध्यक्ष रामधन यादव ने कहा कि इस फैसले से पार्टी कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी साजिश के तहत नेताओं की आवाज नहीं दबाई जा सकती। राजद को न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है और सुभाष यादव ने कोडरमा में हर वर्ग की सेवा की है। इस बार राजद की ही जीत निश्चित है।

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