रांची/झारखंड: पलामू में आइएनडीआइए का समीकरण कमजोर पड़ता नजर आ रहा है। इसे सुदृढ़ करने के लिए पर्दे के पीछे प्रयास जारी हैं। गठबंधन के भविष्य का निर्णय 24 घंटे में हो सकता है। इस दरार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

पलामू जिले की सभी पांच सीटों में राजद को दो और कांग्रेस को तीन सीटें देने पर सहमति बनी थी। इसमें हुसैनाबाद और विश्रामपुर सीट राजद के हिस्से में आईं, जबकि छतरपुर, डालटनगंज और पांकी सीट कांग्रेस के लिए तय की गई। राजद ने छतरपुर सीट को कांग्रेस के लिए छोड़ दिया, और कांग्रेस ने विश्रामपुर सीट राजद के लिए छोड़ दी थी।

विश्रामपुर से राजद प्रत्याशी नरेश प्रसाद सिंह ने भरा नामांकन पत्र

विश्रामपुर से राजद प्रत्याशी नरेश प्रसाद सिंह ने अपना नामांकन पत्र भरा। 24 अक्टूबर को हुसैनाबाद विधानसभा सीट से राजद के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार सिंह यादव और विश्रामपुर से नरेश प्रसाद सिंह ने नामांकन दाखिल किया।

इसी दिन शाम को कांग्रेस ने छह प्रत्याशियों की सूची जारी की, जिसमें पलामू की तीन के बजाय चार सीटों पर नाम घोषित किए गए। विश्रामपुर सीट पर कांग्रेस के सुधीर चंद्रवंशी का नाम आने से राजद ने नाराजगी जताई।

नाराज होकर राजद ने घोषित किया प्रत्याशी

इस पर राजद आलाकमान ने रात एक बजे विजय राम को अपना प्रत्याशी घोषित किया। नामांकन के अंतिम दिन 25 अक्टूबर को सुधीर चंद्रवंशी ने विश्रामपुर से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में और विजय राम ने छतरपुर से राजद के प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया, जिससे गठबंधन में दरार पड़ गई।

गठबंधन के समर्थकों का मानना है कि यदि विश्रामपुर से कांग्रेस और छतरपुर से राजद अपने-अपने नाम वापस ले लें तो स्थिति सुधर सकती है। नाम वापसी की अंतिम तारीख 30 अक्टूबर है, इसलिए मामला अभी पूरी तरह बिगड़ा नहीं है।

राजद और कांग्रेस के नेता मानते हैं कि यह निर्णय दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व के हाथ में है और वही अंतिम फैसला करेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here