नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में ‘डिजिटल अरेस्ट’ के विषय में चर्चा की और इसे धोखाधड़ी की एक गतिविधि बताया। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया और कहा कि इस अपराध में शामिल लोग समाज के दुश्मन हैं। मोदी ने स्पष्ट किया कि कानून में ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी कोई प्रक्रिया नहीं है; यह केवल धोखाधड़ी, छल और अपराधियों का गिरोह है।
पीएम मोदी ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ पर दी चेतावनी
उन्होंने तकनीकी अपराधों के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई और बताया कि विभिन्न जांच एजेंसियां धोखाधड़ी योजनाओं के खिलाफ राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। इस समन्वय को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय साइबर समन्वय केंद्र की स्थापना की गई है। मोदी ने कहा कि इस पहल का लक्ष्य साइबर अपराधों से लड़ना और नागरिकों को इन घोटालों से सुरक्षित रखना है। उन्होंने चेतावनी दी कि ‘डिजिटल अरेस्ट’ धोखाधड़ी से सावधान रहें; कोई भी जांच एजेंसी कभी भी फोन या वीडियो कॉल के जरिए संपर्क नहीं करती है।
बताए सुरक्षा के ये उपाय
धोखेबाज अक्सर पुलिस, सीबीआई, नारकोटिक्स या आरबीआई के नाम से फोन करके खुद को पेश करते हैं। पीएम मोदी ने एक ऑडियो उदाहरण से धोखाधड़ी करने वाले गिरोहों के काम करने के तरीके को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी का पहला कदम आपकी व्यक्तिगत जानकारी इकट्ठा करना होता है, जैसे आपके पिछले यात्रा विवरण या परिवार की जानकारी।
दूसरा कदम भय का माहौल बनाना होता है, जिसमें वे सरकारी वर्दी का उपयोग कर आपको डराते हैं। तीसरा चरण होता है समय का दबाव डालना, जिससे आप जल्दी में गलत निर्णय लें। हर आयु वर्ग के लोग इस ‘डिजिटल अरेस्ट’ का शिकार हो रहे हैं, जिससे वे अपने पैसे खो रहे हैं। अगर ऐसा कोई कॉल आए, तो घबराएं नहीं। यह जानना जरूरी है कि कोई भी एजेंसी इस तरह से संपर्क नहीं करती।
पीएम मोदी ने डिजिटल सुरक्षा के तीन कदम बताए
पहले ‘ठहरें’, दूसरे ‘सोचें’ और तीसरे ‘कार्रवाई करें’। पहले कदम में कहा गया कि कॉल सुनें, शांत रहें और जल्दी में कोई निर्णय न लें। अपनी जानकारी किसी को न दें और संभव हो तो कॉल का स्क्रीनशॉट लें।
दूसरे कदम में ‘सोचें’ का निर्देश दिया गया, जिसमें कहा गया कि कोई सरकारी एजेंसी इस तरह से धमकी नहीं देती। अगर आपको डर लगे, तो समझें कि कुछ गड़बड़ है। तीसरे कदम में ‘कार्रवाई करें’ का उल्लेख किया गया, जिसमें राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 या cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करने की सलाह दी गई। उन्होंने कहा कि एजेंसियां हजारों फर्जी कॉलिंग आईडी और सिम कार्ड ब्लॉक कर रही हैं। पीएम ने कहा कि डिजिटल ठगी से बचने के लिए सभी को जागरूक रहना आवश्यक है।
































