पटना: बिहार में स्मार्ट मीटर को लेकर राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। तेजस्वी यादव के बयान के बाद, राजद ने स्मार्ट मीटरों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार को इसकी थर्ड पार्टी जांच करानी चाहिए ताकि किसी भी गड़बड़ी का पता चल सके। शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने सरकार से यह पूछा कि आम जनता की सहमति के बिना स्मार्ट मीटर क्यों लगाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष पंकज पाल ने जिलाधिकारियों को मीटर लगाने के लिए बल प्रयोग करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उन्होंने इस पत्र को लिखने की सहमति दी थी।
जनता को महंगे दाम पर बिजली बेचने का लगाया आरोप
जगदानन्द सिंह ने कहा कि पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीद कर सरकार पांच रुपये 85 पैसे से आठ रुपये प्रति यूनिट तक बेच रही है। ऊपर से फिक्स्ड और विद्युत चार्ज लिया जा रहा है। बिहार में बिजली उत्पादन शून्य है। उन्होंने कहा कि यह प्रश्न सरकार और विपक्ष का नहीं, आम जनता का है। किसानों को सिर्फ आठ घंटे बिजली दी जा रही है। किसानों की बिजली में कटौती कर उसे दूसरे राज्यों को बेची जा रही है। वित्तीय 2023-2024 वर्ष में 22 सौ करोड़ की बिजली दूसरे राज्यों को बेच दी गई।
लूट कर रही हैं रिश्वत देने वाली कंपनियां: राजद
राजद के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ईडी ने बिजली कंपनी के पूर्व सीएमडी पर स्मार्ट मीटर लगाने वाली कम्पनियों से करोड़ों रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। रिश्वत देने वाली कंपनियां लूट कर रही हैं। संवाददाता सम्मेलन में मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव प्रवक्ता एजाज अहमद, चितरंजन गगन, ऋषि मिश्रा, मधु मंजरी, मुख्यालय प्रभारी मुकुंद सिंह, दल के नेता प्रमोद कुमार राम, निर्भय कुमार उपेन्द्र चन्द्रवंशी आदि उपस्थित थे।
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