पटना: आगामी 22 जुलाई से संसद को बजट सत्र शुरू होने जा रहा है जो 12 अगस्त तक चलेगा। बजट सत्र के शुरू होने के दूसरे ही दिन यानी 23 जुलाई को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण संसद में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का बजट पेश करेंगे। इस बजट से बिहार को काफी उम्मीदें हैं। केंद्र की सत्ता में सहयोगी JDU ने बिहार के विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को बढ़ा दिया है जिससे BJP की टेंशन बढ़ती दिख रही है।
बजट को देखते हुए दरअसल जेडीयू ने अपनी पुरानी मांग फिर से बढ़ा दी है. बजट से पहले जेडीयू कोटे के वरिष्ठ मंत्री मांग कर रहे हैं कि केंद्र सरकार राज्य को विशेष दर्जा दे. 29 जून को दिल्ली में हुई जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी यह मांग स्पष्ट रूप से रखी गई थी और बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था और बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा या पैकेज की आवश्यकता पर गौर किया गया था.
नालंदा में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या पैकेज की जरूरत है. बिहार में न तो खदानें हैं और ना ही समुद्र तट ऐसे में बिहार अपने सीमित संसाधनों के बूते तेजी से विकास कर रहा है। बावजूद इसके बिहार गरीब राज्य बना हुआ है। उन्होंने पटना में कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग सिर्फ सरकार की नहीं बल्कि राज्य की जनता की भी है. काफी उम्मीदें हैं कि प्रधानमंत्री मोदी बिहार के विकास के लिए विशेष राज्य का दर्जा और पैकेज देंगे. बहरहाल, अब जब कुछ ही दिन के बाद संसद में देश का बजट पेश होना है जेडीयू ने अपनी इस पुरानी मांग को तेज कर दी है। जेडीयू कोटे के मंत्री लगातार इस मांग को उठा रहे हैं, जिससे बीजेपी की टेंशन बढ़ गई है।
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