पटना: राष्ट्रीय जनता दल के विधान पार्षद सुनील सिंह की सदस्यता बहाल होने के बाद वे आज सदन पहुंचे और इशारों में मुख्यमंत्री पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि भले ही दुनिया उन्हें ‘पलटू राम’ कहती हो, लेकिन वे ऐसा नहीं कहेंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की सदन में मिमिक्री करने के कारण ही विधान परिषद की आचार समिति ने उनकी सदस्यता समाप्त करने की सिफारिश की थी।

सुप्रीम कोर्ट से राहत, फिर भी हुई देरी

25 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सुनील सिंह को राहत देते हुए उनकी सदस्यता बहाल करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने तुरंत सदस्यता बहाल नहीं की। सुनील सिंह ने कानूनी प्रक्रिया और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए सभापति को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि 28 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र में भाग लेने के लिए उनकी सदस्यता बहाल की जाए। फिर भी, पांच मार्च को ही उन्हें सदस्यता वापस मिली।

सदन में प्रवेश करते ही दिखाया विक्ट्री चिन्ह

गुरुवार को सदन में प्रवेश करते ही सुनील सिंह ने सबसे पहले मुख्यमंत्री पर तंज कसा। उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन कहा कि जिन्हें पूरी दुनिया ‘पलटू राम’ कहती है, उन्हें वे नहीं कहेंगे। सुनील सिंह नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के करीबी माने जाते हैं। सदन पहुंचने के बाद उन्होंने विक्ट्री चिन्ह दिखाते हुए अपनी खुशी जाहिर की।

“खुदा के घर देर है, अंधेर नहीं”

पत्रकारों से बातचीत के दौरान सुनील सिंह ने कहा कि 26 जुलाई 2024 को लोकतंत्र का गला घोंटा गया था, लेकिन अब सत्य सामने आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने न्याय दिया है और यह सरकार की तानाशाही मानसिकता की हार है। उन्होंने दावा किया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से उनकी सदस्यता समाप्त की गई थी।

“भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी”

सुनील सिंह ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार को गर्त में धकेला जा रहा है और जो लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते हैं, उन पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि वे कभी नहीं झुकेंगे और उनकी लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी रहेगी।

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