पटना डेस्क: भारत में क्रेडिट कार्ड पर नो-कॉस्ट EMI का चलन तेजी से बढ़ रहा है, खासकर त्योहारी सीजन में। इस सुविधा के जरिए ग्राहक बिना अतिरिक्त ब्याज दिए प्रीमियम प्रोडक्ट खरीद सकते हैं और उन्हें आसान मासिक किस्तों में चुका सकते हैं।क्रेडिट कार्ड धारकों को यह सुविधा सहज खरीदारी का अनुभव प्रदान करती है। साथ ही, बैंक और वित्तीय संस्थान इसके तहत एक निर्धारित भुगतान योजना प्रदान करते हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या नो-कॉस्ट EMI वास्तव में एक फायदेमंद विकल्प है?
नो-कॉस्ट EMI क्या है?
नो-कॉस्ट EMI एक ऐसी भुगतान सुविधा है, जहां ग्राहक किसी प्रोडक्ट की पूरी कीमत को मासिक किस्तों में बांट सकते हैं, बिना कोई अतिरिक्त ब्याज चुकाए। यह सुविधा बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां जैसे अमेजन, फ्लिपकार्ट और रिटेल स्टोर्स विभिन्न बैंकों (HDFC, SBI, ICICI आदि) के सहयोग से प्रदान करते हैं। यह ग्राहकों को महंगे उत्पादों की खरीद आसान बनाने का मौका देता है।
कैसे काम करती है नो-कॉस्ट EMI?
नो-कॉस्ट EMI के नाम से ऐसा लगता है कि इसमें कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता, लेकिन वास्तव में यह पूरी तरह नि:शुल्क नहीं होती। आमतौर पर, ब्याज लागत व्यापारी वहन करता है या उसे प्रोडक्ट की कीमत में ही जोड़ दिया जाता है। इसके अलावा, कुछ मामलों में बैंक 1-3% तक प्रोसेसिंग फीस भी वसूल सकते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ऐसी योजनाओं के प्रति सतर्क किया है, क्योंकि छुपे हुए शुल्कों के कारण यह पारदर्शी मूल्य निर्धारण नीति का उल्लंघन कर सकती हैं। इसलिए, ग्राहकों को किसी भी नो-कॉस्ट EMI ऑफर का लाभ उठाने से पहले उसकी शर्तों और नियमों को ध्यान से पढ़ना चाहिए।
नो-कॉस्ट EMI के फायदे
छोटी-छोटी मासिक किश्तों में भुगतान – एक बार में बड़ी रकम खर्च करने की जरूरत नहीं होती।
फाइनेंस की सुविधा – बिना तुरंत भुगतान किए महंगे उत्पाद खरीदने का मौका।
लचीली भुगतान शर्तें – आसान और सुविधाजनक पुनर्भुगतान विकल्प उपलब्ध।
नो-कॉस्ट EMI के नुकसान
छिपे हुए शुल्क (Hidden Charges) – बैंक या विक्रेता अतिरिक्त प्रोसेसिंग फीस जोड़ सकते हैं, जिससे उत्पाद की वास्तविक लागत बढ़ जाती है।
क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव – अगर समय पर EMI का भुगतान न किया जाए, तो इसका असर क्रेडिट स्कोर पर पड़ सकता है।
अनावश्यक खर्च – आसान किस्तों की सुविधा के कारण कई बार लोग जरूरत से ज्यादा खरीदारी कर लेते हैं।
क्या नो-कॉस्ट EMI सही विकल्प है?
नो-कॉस्ट EMI महंगे उत्पादों को खरीदने के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन इससे पहले इसकी शर्तों को समझना बेहद जरूरी है। वित्तीय दबाव, छुपे हुए शुल्क और अन्य संभावित खर्चों को ध्यान में रखते हुए ही इस योजना का लाभ उठाएं।
डिस्क्लेमर: नो-कॉस्ट EMI ऑफर आकर्षक लग सकते हैं, लेकिन इनमें छिपे हुए शुल्क हो सकते हैं। कोई भी निर्णय लेने से पहले ऑफर की पूरी जानकारी पढ़ें और समझें।