पटना: इस वक्त की बड़ी खबर बिहार की राजनीति से आ रही है. चुनाव में काराकाट लोकसभा सीट हारने के बावजूद एनडीए ने उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है. सियासी गलियारे में कहा जा रहा था कि उपेंद्र कुशवाहा गठबंधन से नाराज चल रहे हैं, लेकिन इस बीच एनडीए ने उन्हें बड़ा तोहफा दिया है.
दरअसल, जेडीयू से अलग होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी बनाई. लोकसभा चुनाव के लिए उपेंद्र कुशवाह की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने एनडीए के साथ गठबंधन कर लिया है. गठबंधन में आने के बाद लोकसभा चुनाव में BJP ने उपेंद्र को उनकी मनपसंद सीट काराकाट दे दी। काराकाट से एनडीए के संयुक्त प्रत्याशी के रूप में उपेंद्र कुशवाहा ने चुनाव लड़ा, लेकिन खेल तब बिगड़ गया जब पावर स्टार पवन सिंह ने काराकाट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया.
बीजेपी ने पवन सिंह को पश्चिम बंगाल के आसनसोल से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन पवन सिंह ने अपना आसनसोल टिकट बीजेपी को लौटा दिया और वहां से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. पवन सिंह बीजेपी से काराकाट या आरा से टिकट मांग रहे थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। इसके बाद पवन सिंह ने काराकाट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया और चुनाव मैदान में उतर गए।
हालांकि, चुनाव में पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाह दोनों हार गये और महागठबंधन प्रत्याशी माले के राजाराम की जीत हुई. हार के बाद से ही उपेंद्र कुशवाहा इशारों में अपने ही गठबंधन पर सवाल खड़ा कर रहे थे और कह रहे थे कि वह हारे नहीं हैं बल्कि उन्हें हराया गया है। उनका सीधा इशारा था कि BJP ने सोची समझी रणनीति के तरह पवन सिंह को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारा है।
उपेंद्र कुशवाह की नाराजगी के बीच यह बात सामने आई कि एनडीए ने सर्वसम्मति से कुशवाह को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। बीजेपी अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि एनडीए ने उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है. इस पर एनडीए के सभी दल सहमत हैं.

खुद उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए के राज्यसभा उम्मीदवार बनाये जाने पर गठबंधन में शामिल सभी दलों के नेताओं को धन्यवाद दिया. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि एनडीए गठबंधन ने मिलकर ये फैसला लिया है. इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और गठबंधन के सभी नेताओं को धन्यवाद देता हूं. यह सभी लोगों का सामूहिक निर्णय है.
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