पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। इस विस्तार में भाजपा कोटे से सात नए विधायकों को मंत्री बनाया गया है। इनमें रीगा से मोतीलाल प्रसाद, सिकटी से विजय मंडल, साहेबगंज से राजू सिंह, बिहारशरीफ से सुनील कुमार, जाले से जीवेश मिश्रा, अमनौर से कृष्ण कुमार मंटू और दरभंगा से संजय सरावगी शामिल हैं। हालांकि, इनमें से कई नेताओं पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

राजू सिंह पर हत्या सहित कई गंभीर मामले

साहेबगंज से विधायक राजू सिंह पर हत्या समेत कई गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज हैं। 2020 तक उनके खिलाफ 10 मामले दर्ज थे, जिनमें आर्म्स एक्ट, हत्या और अन्य अपराध शामिल हैं। नई दिल्ली में महिला की हत्या के एक मामले में भी उनका नाम है, जिसमें धारा 302 और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था।

कृष्ण कुमार मंटू पर भी कई केस

अमनौर से विधायक कृष्ण कुमार मंटू के खिलाफ भी सात आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें नाजायज मजमा बनाकर मारपीट, सरकारी कार्य में बाधा डालने और चोरी करने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।

अन्य विधायकों पर भी केस

रीगा से मोतीलाल प्रसाद, बिहारशरीफ से सुनील कुमार, दरभंगा से जीवेश मिश्रा, संजय सरावगी और सिकटी से विजय मंडल के खिलाफ भी विभिन्न मामलों में केस दर्ज हैं। इनमें आचार संहिता उल्लंघन, रेलवे सुरक्षा से जुड़े अपराध, औषधि नियंत्रण अधिनियम के तहत मुकदमे शामिल हैं।

भाजपा के मंत्रियों की संख्या बढ़ी

कैबिनेट विस्तार के बाद अब कुल 36 मंत्री हो गए हैं, जिनमें भाजपा के 21, जदयू के 13, हम पार्टी के एक और निर्दलीय एक मंत्री शामिल हैं। इससे भाजपा मंत्रिमंडल में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।

कौन-कौन बने मंत्री?

कैबिनेट में सबसे पहले संजय सरावगी ने मैथिली में शपथ ली। इसके बाद बिहारशरीफ से सुनील कुमार, जाले से जीवेश मिश्रा, साहेबगंज से राजू सिंह, रीगा से मोतीलाल प्रसाद, अमनौर से कृष्ण कुमार मंटू और अंत में सिकटी से विजय मंडल ने मंत्री पद की शपथ ली।

भाजपा कोटे के मंत्रियों की जातीय गणित

भाजपा कोटे से शामिल नए मंत्रियों में राजपूत, भूमिहार, वैश्य और अति पिछड़ी जातियों के नेता शामिल हैं। इससे भाजपा ने सामाजिक समीकरण को साधने की कोशिश की है।

36 मंत्रियों का कोटा पूरा

बिहार विधानसभा में अधिकतम 36 मंत्री हो सकते हैं, जो अब पूरे हो गए हैं। इससे पहले 15 मार्च 2024 को 21 मंत्रियों ने शपथ ली थी। जनवरी 2024 में नीतीश कुमार महागठबंधन छोड़कर भाजपा के साथ आए थे, जिसके बाद यह दूसरा कैबिनेट विस्तार है।

भाजपा कोटे के मंत्रियों का दबदबा

इस कैबिनेट विस्तार के बाद भाजपा कोटे के मंत्रियों की संख्या सबसे अधिक हो गई है। भले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हों, लेकिन मंत्रियों की संख्या के आधार पर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।

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