पटना डेस्क: केंद्रीय बजट के आने के बाद से विपक्ष, खासकर राहुल गांधी और उनके साथी, यह प्रचार करने में जुटे हैं कि सरकार ने दलितों और आदिवासियों के साथ छल किया है। वे यह दावा कर रहे हैं कि इस बजट में उनके लिए कुछ नहीं रखा गया है। लेकिन लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का मानना है कि यह केवल राजनीतिक दुष्प्रचार है, जो विपक्ष की वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है। विपक्ष चाहता है कि दलित समाज भ्रमित रहे, ताकि वह सत्ताधारी एनडीए सरकार को दलित-विरोधी साबित कर सके।

बजट में दलितों के लिए समुचित प्रावधान

लोजपा (रामविलास) कलमजीवी प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष डॉ शशि भूषण प्रसाद ने मीडिया को बताया कि केंद्रीय बजट की वास्तविक हकीकत ये है कि केंद्रीय बजट में दलितों के लिए 3.4% का आवंटन किया गया है। सरकार इस सच्चाई को स्वीकार करती है कि बदलती अर्थव्यवस्था में दलितों की जरूरतें, इच्छाएं और महत्वाकांक्षाएं भी बदल रही हैं। इसलिए बजट भी इन्हीं बदलावों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, ताकि दलित समाज को वास्तविक लाभ मिले और उनकी स्थिति मजबूत हो।

क्या बजट में दलितों के लिए कुछ नया नहीं?

डॉ शशि भूषण प्रसाद ने कहा कि विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि इस बार बजट में दलितों के लिए कुछ नया नहीं है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या नए की जरूरत है? पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने दलित कल्याण के लिए इतनी योजनाएं लागू की हैं कि अब किसी नई घोषणा की जरूरत नहीं है।

2024-2025 के बजट में “पीएम अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना” का प्रावधान किया गया था, जिसके लिए 2140 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। उन्होंने कहा कि इस योजना को बिना किसी कटौती के जारी रखा गया है। यह योजना कौशल विकास और आय-सृजन की दिशा में काम कर रही है, जिससे दलित समुदाय की गरीबी को कम किया जा सके। इसके तहत 50% या उससे अधिक अनुसूचित जाति की आबादी वाले गांवों को अनुदान दिया जाता है, ताकि वे आदर्श गांवों में तब्दील हो सकें।

स्वच्छता अभियान और दलितों का सशक्तिकरण

डॉ शशि भूषण प्रसाद ने कहा कि सरकार की दलितों के प्रति नीयत को समझने के लिए स्वच्छता अभियान सबसे बड़ा उदाहरण है। शौचालय निर्माण से सबसे बड़ा असर मैला ढोने की प्रथा पर पड़ा है। साल 2013 में इसे कानूनन प्रतिबंधित किया गया था, लेकिन मोदी सरकार ने 2014-15 से “स्व-रोजगार योजना (SRMS)” के लिए बजट आवंटित किया, ताकि मैनुअल स्कैवेंजर्स को आय का वैकल्पिक स्रोत मिल सके।

विपक्ष का खोखला दावा और सच्चाई

डॉ शशि भूषण प्रसाद ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि शिक्षा से लेकर दलित छात्रावास और रोजगार तक, केंद्र सरकार ने दलितों के उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। विपक्ष को यह स्वीकार करना होगा कि रामविलास पासवान जी जैसे नेता जिस सरकार का हिस्सा रहे हों, और चिराग पासवान जैसे नेता जो उसमें साझीदार हैं, वह सरकार कभी भी दलित-विरोधी नहीं हो सकती।दलित समाज अब सच्चाई समझ रहा है। उसे मालूम है कि दशकों तक उसे ठगने वाले कौन थे और असली हितैषी कौन हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here