रांची: झारखंड सरकार का केंद्र पर 1.36 लाख करोड़ रुपये के कोयला बकाए का मामला अब तेजी से आगे बढ़ता हुआ दिख रहा है। केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने कोयला मंत्रालय की अपर सचिव स्मिता प्रधान को निर्देश दिया है कि वे झारखंड सरकार और भारत सरकार के कोयला मंत्रालय के अधिकारियों की एक टीम गठित करें, जो वास्तविक बकाया राशि की गणना कर सके। इसका उद्देश्य कोयला खनन से संबंधित झारखंड के बकाए का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए। यह जानकारी झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने दी।
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर की पहल
झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी से मुलाकात कर बकाया राशि के भुगतान को लेकर एक स्मार पत्र सौंपा। इस पत्र में उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य में विकास की दिशा में गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय कोयला मंत्री को यह भी बताया कि राज्य सरकार अपने आंतरिक स्रोतों से आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है और इसके लिए केंद्रीय वित्तीय सहयोग की आवश्यकता है।

केंद्रीय कोयला मंत्री से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बताया कि केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने बकाया राशि के भुगतान को लेकर सकारात्मक रुख अपनाया और कहा कि वास्तविक बकाया राशि की गणना कर जल्द से जल्द राज्य को यह राशि मुहैया कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बयान
इस मामले को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में धनबाद में झामुमो के स्थापना दिवस पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि यदि राज्य को 1.36 लाख करोड़ रुपये का बकाया राशि नहीं मिलती है तो वे कोयला खदानों को बंद करने की कार्रवाई कर सकते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर राज्य ने इस मामले पर ठोस कदम नहीं उठाया तो पूरे देश में अंधेरा छा सकता है।
प्रदेश भाजपा का सवाल
वहीं, प्रदेश भाजपा के नेता अब राज्य सरकार से बकाया राशि का स्पष्ट विवरण मांग रहे हैं। हाल ही में प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा था कि भाजपा बकाया दिलाने में मदद करेगी, लेकिन इसके लिए बकाए का ब्रेकअप होना चाहिए।
झारखंड सरकार ने 1.36 लाख करोड़ रुपये के बकाया को लेकर अपनी आवाज उठाई है और केंद्रीय सरकार से शीघ्र भुगतान की उम्मीद जताई है। केंद्रीय कोयला मंत्री की पहल से अब यह मामला जल्द ही हल हो सकता है, जिससे राज्य को आर्थिक सहयोग मिलेगा और राज्य के विकास कार्यों में गति आएगी।
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